जलवायु परिवर्तन परिषद से सुनीता नारायण और रतन टाटा बाहर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन परिषद का पुनर्गठन किया है। सीएसई (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट) की महानिदेशक व पर्यावरणविद् सुनीता नारायण और टाटा ग्रुप के पूर्व प्रमुख रतन टाटा को उच्च स्तरीय सलाहकार समूह से बाहर कर दिया गया है। पिछले तीन वर्षो में समूह की
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन परिषद का पुनर्गठन किया है। सीएसई (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट) की महानिदेशक व पर्यावरणविद् सुनीता नारायण और टाटा ग्रुप के पूर्व प्रमुख रतन टाटा को उच्च स्तरीय सलाहकार समूह से बाहर कर दिया गया है। पिछले तीन वर्षो में समूह की एक भी बैठक नहीं हुई है। परिषद की अध्यक्षता प्रधानमंत्री खुद करते हैं।
ग्लोबल वार्मिग पर संयुक्त राष्ट्र की पेरू में होने वाली बैठक से पहले यह अहम बदलाव किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को टेरी (द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टिट्यूट) के प्रमुख आरके पचौरी, नितिन देसाई और पूर्व राजनयिक चंद्रशेखर दासगुप्ता को 18 सदस्यीय परिषद में गैर सरकारी सदस्य के तौर पर शामिल किया है। संप्रग के शासनकाल में वर्ष 2007 में गठित प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली जलवायु परिवर्तन परिषद में सुनीता नारायण और रतन टाटा को शामिल किया गया था।
सीएसई करेगा पूरा सहयोग
सीएसई ने सुनीता नारायण के परिषद से बाहर होने पर कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। हालांकि, संस्था ने परिषद के साथ पूरा सहयोग करने की बात कही है।
केंद्र ने दी सफाई
सुनीता नारायण को जलवायु परिवर्तन परिषद से बाहर करने के सवाल पर पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि परिषद के अध्यक्ष को किसी भी मंत्री या अधिकारी या विशेषज्ञ को बैठक में आमंत्रित करने का अधिकार है।
सरकार की भागीदारी बढ़ी
पुनर्गठित परिषद में शहरी विकास मंत्री और कोयला मंत्री को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। परिषद में दोनों मंत्रालयों की भागीदारी नहीं थी। इसके अलावा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के अध्यक्ष अजय माथुर, पूर्व नौकरशाह जेएम मौसकर, कैबिनेट सचिव और विदेश व पर्यावरण मंत्रालय के सचिवों को भी परिषद में शामिल किया गया है। माथुर पहले भी परिषद के सदस्य थे। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा परिषद के सदस्य संयोजक होंगे।
परिषद में शामिल सदस्य
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जल संसाधन मंत्री उमा भारती, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, विज्ञान एवं तकनीक मंत्री जितेंद्र सिंह और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को परिषद में शामिल किया गया है।
कार्ययोजना बनाने की जिम्मेदारी
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक समिति जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर कार्ययोजना तैयार करने के अलावा नीतियों के क्रियान्वयन की निगरानी भी करेगी।