विलफुल डिफॉल्टरों के नाम सार्वजनिक करेगा RBI, बन रही है नई व्यवस्था
राजन ने बताया कि रेगुलेटर होने के नाते गलत कार्यो को संरक्षण देने का हमारा कोई इरादा नहीं है। हमें तो विलफुल डिफॉल्टरों की सूची सार्वजनिक करने में खुशी होगी।
नई दिल्ली, (पीटीआई)। भारतीय रिजर्व बैंक जानबूझकर कर्ज न लौटाने वालों यानी विलफुल डिफॉल्टरों के नाम सार्वजनिक करने के लिए नया सिस्टम बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा खराब कर्जो के आउट-ऑफ-कोर्ट सेटलमेंट के लिए नया तंत्र विकसित किया जा रहा है। यह जानकारी रिजर्व बैंक गवर्नर ने दी है।
यहां एक लेक्चर में राजन ने बताया कि रेगुलेटर होने के नाते गलत कार्यो को संरक्षण देने का हमारा कोई इरादा नहीं है। हमें तो विलफुल डिफॉल्टरों की सूची सार्वजनिक करने में खुशी होगी। दरअसल आरबीआइ के अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं कि ऐसे डिफॉल्टरों की सूची कोई भी देख सके जिनके खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज किया जा चुका है। ऐसे लोगों की जानकारी वैसे भी सार्वजनिक हो जाती है। हालांकि केंद्रीय बैंक ऐसे डिफॉल्टरों की गोपनीयता बनाए रखने के पक्ष में है जिनके केस में कोई गलत काम नहीं हुआ है। राजन ने कहा कि हर किसी डिफॉल्टर का नाम वेबसाइट पर डालना आवश्यक नहीं है।
आरबीआइ कागजी शेर नहीं
उन्होंने इसी कार्यक्रम में उबर और ओला जैसी एप आधारित टैक्सी सर्विस का जिक्र करते हुए आगाह किया कि आरबीआइ कोई कागजी शेर नहीं है। उसके नियमों का पालन करना ही होगा। नियम चाहे अच्छें हो या बुरे, मानना ही होगा। हालांकि आरबीआइ रेगुलेशन में बदलाव भी कर रहा है। इसी दिशा में उसने टच एंड गो क्रेडिट कार्ड सुविधा शुरू की है। राजन से एप आधारित टैक्सी सर्विस के पेमेंट सिस्टम से संबंधित सवाल किया गया था।
हेलीकॉप्टर मनी पर सवाल
आरबीआइ गवर्नर ने हेलीकॉप्टर मनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों को आसानी से पैसा मिलने से संभव है कि वे खर्च करने के बजाय बचत करने लगें। सार्वजनिक निवेश बढ़ाकर सिस्टम में ज्यादा पैसा पहुंचाने की बात होती है ताकि लोग ज्यादा खर्च करें और विकास दर को रफ्तार मिले। लेकिन राजन ने कहा कि लोग खर्च करने के बजाय बचत की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं। ब्याज दर घटाकर और ज्यादा कर्ज देकर लोगों की जेब में ज्यादा पैसा पहुंचाने की नीति को हेलीकॉप्टर मनी कहा जाता है।
'अंधों में काने राजा' की संज्ञा देने के संदर्भ में सवाल किया गया कि अर्थव्यवस्था दोनों आखों वाली कब होगी, इस पर उन्होंने कहा कि यह सब विश्व अर्थव्यवस्था और घरेलू उपयों पर निर्भर करेगा।
पैसा सबसे बड़ा समानता मूलक
राजन ने धन को समानता लाने वाला मूलक बताते हुए कहा है कि समाज में संपदा के प्रति उदारता बढ़नी चाहिए, न कि इसके इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए। इससे पहले ग्रेटर नोएडा स्थित शिव नाडर यूनीवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राजन ने कहा कि मुक्त बाजार में आपको कुछ भी खरीदने के लिए धन की चाहत होती है। इसके लिए आपको किसी अच्छे वंश, महान पारिवारिक इतिहास, बेहतरीन शिष्टाचार, अच्छे फेशनेबल कपड़ों या शानदार व्यक्तित्व की जरूरत नहीं होती है। तमाम देशों में लोगों की आय में भारी असमानता पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल व हेल्थ केयर सुविधाओं तक आम लोगों की प्रभावी पहुंच और भेदभाव रहित जॉब मार्केट आज की बड़ी आवश्यकता है।
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