रिजर्व बैंक करेगा वीडियोकॉन, जिंदल स्टील एंड पावर समेत 200 कंपनियों के लोन की निगरानी
रिजर्व बैंक यह काम बैंकों के बही खातों की अपनी सालाना जांच के तहत कर रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के बढ़ते फंसे कर्जों यानी एनपीए पर नियंत्रण के अपने प्रयास के तहत 200 कंपनियों के लोन की निगरानी शुरू कर दी है। केंद्रीय बैंक ने इन कर्ज के एवज में संबंधित बैंक द्वारा किए गए प्रावधानों और उनके दबाव के स्तर के आकलन के लिए इनकी जांच शुरू की है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि रिजर्व बैंक इस बात की पड़ताल कर रहा है कि विभिन्न बैंकों ने इन परिसंपत्तियों के संबंध में नियमों का पालन किया है या नहीं। इन कर्जो के क्लासीफिकेशन, प्रावधान और ऋण पुनर्गठन का आकलन भी किया जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि रिजर्व बैंक यह काम बैंकों के बही खातों की अपनी सालाना जांच के तहत कर रहा है। इन खातों में वीडियोकॉन, जिंदल स्टील एंड पावर समेत कुछ अन्य बड़े खाते शामिल हैं।
रिजर्व बैंक ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब बैंकिंग क्षेत्र का सकल एनपीए बढ़कर 10.3 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है। यह ऋण के 11.2 फीसद के बराबर है। 31 मार्च, 2017 को यह आंकड़ा आठ लाख करोड़ या कुल कर्ज के 9.5 फीसद के स्तर पर था। पिछले साल की वार्षिक जांच के बाद रिजर्व बैंक ने एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यस बैंक समेत कई बैंकों को एनपीए कम करके आंकते हुए पाया था।
रिजर्व बैंक ने पाया था कि यस बैंक ने दो वित्त वर्षो के दौरान एनपीए को 11,000 करोड़ रुपये कम करके आंका था। वहीं एक्सिस बैंक और आइसीआइसीआइ बैंक ने अकेले वित्त वर्ष 2015-16 में इस मद में क्रमश: 14,000 करोड़ रुपये और 5,000 करोड़ रुपये कम करके आंका था।