आरबीआइ ने उठाया सख्त कदम, कहा-एक एक नोट की होगी निगरानी
मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से सभी बैंकों को एक सूचना भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि काउंटर पर जमा होने वाले हर नोट की निगरानी की व्यवस्था करें।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कालाधन के कारोबारियों को बैंक से लेकर दूसरे कई स्तरों पर मदद पहुंचाने की खबरों के बाद बैंकिंग तंत्र जागा है। रिजर्व बैंक ने जारी होने वाले एक एक नए नोट की निगरानी करने का निर्देश दिया है। जबकि बैंकों के संगठन भारतीय बैंक संघ (आइबीए) ने जहां जहां नए नोटों का जखीरा पकड़ा गया है वहां अपनी विशेष सतर्कता टीम से जांच करवाने का फैसला किया है।
मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से सभी बैंकों को एक सूचना भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि काउंटर पर जमा होने वाले हर नोट की निगरानी की व्यवस्था करें। इसके लिए बैंक ब्रांच में गुप्त कैमरे (सीसीटीवी) लगाने का निर्देश दिया गया है। बैंकों को यह भी कहा गया है कि वे इस वीडियो फुटेज को सुरक्षित भी रखे ताकि बाद में जरुरत पड़ने में उन्हें जांच एजेंसियों को उपलब्ध कराया जा सके। इससे उन लोगों को पकड़ा जा सकेगा जो भीड़ की आड़ में नकली नोट जमा कर रहे हैं।
नोटबंदी का फैसला अचानक नहीं, पहले से हो रही थी बड़ी तैयारी !
माना जा रहा है कि नोट बंदी लागू होने के बाद बैंकों में नोट बदलवाने और नकदी जमा कराने की जो भीड़ आई है उसके आड़ में काफी बड़ी मात्रा में जाली नोट भी जमा करा दिये गये हैं। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि 08 नवंबर से लेकर 30 दिसंबर, 2016 तक की अवधि में हर बैंक शाखा के करेंसी चेस्ट व शाखा के अन्य महत्वपूर्ण जगहों की वीडियो रिकार्डिग को बचा कर रखा जाए ताकि जांच आदि में उनका उपयोग किया जा सके।
यही नहीं रिजर्व बैंक ने बैंकों को कड़े शब्दों में यह चेतावनी दी है कि अगर बैंकों के स्तर पर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पिछले एक हफ्ते से राष्ट्रीय मीडिया में इस बारे में तमाम खबरों के प्रकाशित होने के बाद आज आरबीआइ के दो डिप्टी गवर्नर आर गांधी और एस एस मुंद्रा ने हालात को संभालने की कोशिश की है। मुंद्रा ने कहा है कि बैंकों के स्तर पर ही हर डाटा की जांच होनी चाहिए ताकि मनी लॉड्रिंग या इस तरह की किसी गैर कानूनी गतिविधि का खुलासा हो सके। उन्होंने स्वीकार किया कि आरबीआइ को कुछ जगहों से मनी लॉंड्रिंग की खबरें प्राप्त हुई हैं।
उधर, सूचना है कि पिछले एक हफ्ते के भीतर जिस तरह से देश के कई हिस्सों में नए नोटों के जखीरे पकड़े जा रहे हैं उससे पूरी बैंकिंग बिरादरी को हो रहे फजीहत को देखते हुए भारतीय बैंक संघ (आईबीए) भी सक्रिय हुआ है। आइबीए ने अपनी टीम से इन मामलों की जांच करवाने का फैसला किया है कि किस रहे से बैंकिंग व्यवस्था से बड़ी मात्रा में नए नोट लोगों के पास पहुंच रहे हैं।