आरबीआइ ने नोटबंदी के फैसले पर जानकारी देने इन्कार किया
सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगे जाने पर आरबीआइ ने जवाब दिया है कि यह जानकारी देने से सरकार की भावी आर्थिक व वित्तीय नीतियां प्रभावित हो सकती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नोटबंदी की घोषणा होने के छह महीने बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक ने इस फैसले की प्रक्रिया की जानकारी देने से इन्कार कर दिया है। उसका कहना है कि यह जानकारी देना देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक हो सकती है।
सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगे जाने पर आरबीआइ ने जवाब दिया है कि यह जानकारी देने से सरकार की भावी आर्थिक व वित्तीय नीतियां प्रभावित हो सकती है। आरबीआइ से 500 और 1000 रुपये के पुराने बंद करने का फैसला लेने के लिए हुई बैठकों के विवरण की प्रतियां मांगी गई थीं। नोटबंदी पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और वित्त मंत्रालय से हुए पत्राचार की भी प्रतियां देने की भी मांग की गई थी।
समाचार एजेंसी द्वारा दायर आरटीआइ प्रार्थना पत्र के जवाब में आरबीआइ ने कहा कि नोटबंदी पर मांगी गई जानकारी के आंकड़े, स्टडी व सर्वे रिपोर्ट और विचार समेत समूची सामग्री संवेदनशील है। ये जानकारी नोटबंदी की प्रक्रिया से जुड़ी है और इन पर ही विचार करके फैसला किया गया। आरबीआइ के अनुसार यह जानकारी सार्वजनिक करना देश के आर्थिक हित में नहीं है। आरबीआइ के अनुसार इसके आधार पर मांगी गई जानकारी आरटीआइ कानून के सेक्शन 8 (1) (ए) के तहत सार्वजनिक करने से मुक्त रखने योग्य है।
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