'राइट टू प्राइवेसी' पर SC के फैसले का स्वागत: रविशंकर प्रसाद
रविशंकर ने कहा कि हमारी सरकार ने 9 सदस्यीय संवैधानिक पीठ बनने से पहले ही इस बात को स्वीकार कर लिया था कि यह निजता का अधिकार है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सरकार ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार मानने वाले सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण फैसले का स्वागत किया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सर्वोच्च अदालत ने इस मुद्दे पर सरकार के नजरिए को सही माना है। दरअसल अदालत का कहना है कि निजता का अधिकार पूर्ण अधिकार नहीं है और इस पर कई तर्कसंगत नियंत्रण लगाए जा सकते हैं। सरकार ने 'आधार विधेयक' संसद में पेश करते समय जो कुछ कहा था, सर्वोच्च अदालत ने उसे सही माना है। उन्होंने इस संबंध में राज्यसभा में दिए गए वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस वक्तव्य का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार होना चाहिए लेकिन इस पर कुछ तर्कसंगत नियंत्रण भी होना चाहिए।
अदालत के फैसले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए रविशंकर ने कहा कि निजी स्वतंत्रता की रक्षा के संबंध में कांग्रेस का रिकार्ड कैसा है आपातकाल के दौरान इसे पूरा देश देख चुका है। जेपी आंदोलन में व्यक्तिगत स्वतंत्रता को ताक पर रखकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बड़े बड़े नेताओं को जेल भेजा था जिसमें वह खुद भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने 'आधार' को बिना कानून पारित किए ही लागू किया था। संसद से कानून पारित कराए बगैर आधार के लिए लोगों से जानकारी जुटाती रही। आधार के लिए कानून बनाने का काम मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का मत है कि उसके बनाए गए कानून इस निर्णय की परीक्षा पर खरे उतरते हैं।
आधार कार्ड के लिए ली जाने वाली सूचनाओं की सुरक्षा पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आधार का सुरक्षा तंत्र पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत है। उन्होंने खुद अपना आधार कार्ड भी संवादाता सम्मेलन में दिखाया और कहा कि इस पर व्यक्ति का नाम, पता और तस्वीर है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सूचनाओं (डाटा) की सुरक्षा संबंधी समिति की रिपोर्ट इस साल के अंत तक मिलने की उम्मीद है। अर्थव्यवस्था में बढ़ते डिजिटल लेन-देन और संपर्क के मद्देनजर डाटा की सुरक्षा पर दस सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया गया था।
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