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असम में जारी रहेगा बाल विवाह के खिलाफ अभियान, मुसलमानों और हिंदुओं की गिरफ्तारी लगभग बराबर- सीएम सरमा

असम में बाल विवाह के खिलाफ अभियान जारी है जिसमें अब तक कई लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि इस मामले में हिन्दू और मुस्लिमों की गिरफ्तारी का अनुपात लगभग बराबर है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariPublished: Thu, 16 Mar 2023 02:01 PM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2023 02:01 PM (IST)
असम में जारी रहेगा बाल विवाह के खिलाफ अभियान, मुसलमानों और हिंदुओं की गिरफ्तारी लगभग बराबर- सीएम सरमा
असम में जारी है बाल विवाह के खिलाफ सरकार का अभियान

गुवाहाटी, एएनआई। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि राज्य में बाल विवाह के खिलाफ राज्य सरकार के चल रहे अभियान के दौरान धर्म को नजरअंदाज करते हुए कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि 3 फरवरी की कार्रवाई के बाद से मुसलमानों और हिंदुओं की गिरफ्तारी का अनुपात लगभग बराबर ही है।

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हिन्दू और मुस्लिमों के गिरफ्तारी का अनुपात लगभग बराबर

सरमा ने राज्य विधानसभा में कहा, "मैंने अपने कुछ लोगों को भी उठाया है क्योंकि विपक्षी सदस्यों को बुरा लगेगा। 3 फरवरी की कार्रवाई के बाद से मुसलमानों और हिंदुओं की गिरफ्तारी का अनुपात 55:45 है।"

मुस्लिम बहुल इलाकों में अधिकतर मामले

सीएम ने कहा, एनएफएचएस 5 (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण) के आंकड़ों से पता चलता है कि बाल विवाह के अधिकतर मामले धुबरी और दक्षिण सलमारा (मुस्लिम-बहुल जिले) से सामने आए हैं न कि डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया से, लेकिन क्योंकि आप हर एक चीज को सांप्रदायिक बना देते हैं, इसलिए मैंने डिब्रूगढ़ एसपी को फोन करक कहा कि वहां भी ऐसे मामले मिले तो कार्रवाई की जाए।"

कम उम्र में पैदा कर रही बच्चे

सीएम सरमा ने आगे कहा, "बिश्वनाथ में, मैंने कहा कि वहां से कुछ उठाओ... कांग्रेस के दौरान एकत्र किए गए एनएफएचएस 4 डाटा के आंकड़ों से यह पता चलता है कि कम उम्र में विवाह और बच्चे पैदा करने की सबसे अधिक संख्या निचले असम जिलों में ज्यादा है, जहां मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार राज्य में बाल विवाह के खिलाफ नया कानून लाने पर विचार कर रही है और राज्य सरकार का बाल विवाह के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।

2026 तक नया अधिनियम लाने का प्रयास

सीएम सरमा ने कहा, "हमारा रुख स्पष्ट है कि असम में बाल विवाह को रोका जाना चाहिए। हम बाल विवाह के खिलाफ एक नया अधिनियम लाने पर चर्चा कर रहे हैं। हम 2026 तक बाल विवाह के खिलाफ एक नया अधिनियम लाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां हम जेल की अवधि को दो साल से बढ़ाकर 10 साल करने पर विचार कर रहे हैं।"

आरोपियों के पक्ष में बात कर रहा विपक्ष

उन्होंने कहा, "बाल विवाह बंद होना चाहिए। हम अपराधियों के लिए रो रहे हैं, लेकिन पीड़ित नाबालिग लड़कियों के लिए नहीं। राज्य में एक 11 साल की नाबालिग लड़की मां बन गई है, यह स्वीकार्य नहीं है। मैंने देखा है असम में कुछ विधायक आरोपी व्यक्तियों के पक्ष में बात कर रहे हैं।"

विवाह के उम्र को बढ़ाने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा, ''बच्ची की शादी करने वाले अपराधियों के खिलाफ लोकतंत्र का रोलर जारी रहेगा। बाल विवाह के खिलाफ कानून का राज जारी रहेगा। जनसंख्या नियंत्रण कानून कांग्रेस के शासन में पारित हुआ था और हमारी सरकार अब विवाह के उम्र को 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करमे का प्रयास कर रही है। बाल विवाह के खिलाफ बात करने की जिम्मेदारी इस सदन की है।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "अपराधियों को हर छह महीने में गिरफ्तार किया जाएगा, असम में बाल विवाह को रोकना होगा। राज्य के लोगों के पास दो विकल्प होंगे या तो मुझे यहां से हटा दें या बाल विवाह बंद कर दें, तीसरा कोई विकल्प नहीं है।"

पॉक्सो मामले में 2017 से अब तक 494 लोगों की गिरफ्तारी

असम सरकार ने सोमवार को असम विधानसभा में कहा कि राज्य में बाल विवाह और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) के मामलों में 2017 से अब तक चार्जशीट किए गए 8,773 व्यक्तियों में से केवल 494 व्यक्तियों को तब से दोषी ठहराया गया है।


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