रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, बढ़ेगी सड़क बनने की रफ्तार, 2020 तक रोजाना 32 किमी बनेंगीं
सड़क मंत्रालय और एनएचएआइ को मिलाकर इतने अधिक ठेके पहले कभी नहीं दिए गए। इस दौरान रोजाना 27 किलोमीटर के हिसाब से सड़कों का निर्माण हुआ जो वित्त वर्ष 2013-14 के मुकाबले दोगुना है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सड़कों पर सरकार की खास तवज्जो के कारण अगले दो वर्षो में सड़क निर्माण की रफ्तार रोजाना 27 किलोमीटर से बढ़कर 32 किलोमीटर हो जाएगी। इससे सड़क बनाने वाली कंपनियों को भी फायदा होगा। उनका कारोबार सालाना 20 फीसद की दर से बढ़ेगा। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सड़क निर्माण क्षेत्र में कार्यरत 66 कंपनियों के कारोबार का अध्ययन के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला है।
अध्ययन के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में 17,000 किलोमीटर लंबाई वाली सड़क परियोजनाओं के ठेके दिए गए। सड़क मंत्रालय और एनएचएआइ को मिलाकर इतने अधिक ठेके पहले कभी नहीं दिए गए। इस दौरान रोजाना 27 किलोमीटर के हिसाब से सड़कों का निर्माण हुआ जो वित्त वर्ष 2013-14 के मुकाबले दोगुना है। यही नहीं, 2017-18 में 90 फीसद कांट्रैक्ट हाइब्रिड-एन्यूटी तथा ईपीसी मोड पर अवार्ड किए गए।
क्रिसिल की माने तो यदि सड़क निर्माण के अनुबंध इसी गति से जारी होते रहे तो 2020 तक रोजाना 32 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होने लगेगा। क्योंकि इन दिनो सरकार का ध्यान 'भारतमाला' पर है। जिसके आधे से ज्यादा ठेके हाइब्रिड-एन्यूटी मोड के अंतर्गत दिए जाने की उम्मीद है।
क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर सचिन गुप्ता ने कहा, 'इन कंपनियों के पास जितने आर्डर हैं उन्हें देखते हुए हमें उम्मीद है कि इस वर्ष ही नहीं, वरन् अगले दो वर्षो तक इनका कारोबार सालाना 20 फीसद की दर से बढे़गा। पिछले वित्त वर्ष के दौरान इन कंपनियों के पास अनुमानत: कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये के आर्डर थे। यह इनकी आय का तीन गुना है। इससे 2017-18 के दौरान इनकी आय में और बढ़ोतरी का संकेत मिलता है।'
क्रिसिल विश्लेषण दर्शाता है कि अगले दो वर्षो के दौरान तकरीबन 70 हजार करोड़ रुपये की हाइब्रिड-एन्यूटी परियोजनाएं अवार्ड की जाने वाली हैं। इनमें डेट और इक्विटी दोनो का समावेश होगा।