बूढ़े हो गए हैं रतन टाटा, हो गई आराम करने की उम्र: अमित मित्रा
टाटा समूह के सेवामुक्त चेयरमैन रतन टाटा के बयान पर 24 घंटे भीतर ही पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री अमित मित्रा व शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि टाटा का दिमाग खराब हो गया है। मित्रा ने कहा कि रतन टाटा अपनी बढ़ती उम्र के कारण वास्तविकता से अपने आपको अपडेट नहीं रखते। वह अपना मानसिक संतुलन खो [मति भ्रम] बैठे हैं।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में औद्योगिक विकास न होने की बात को लेकर राज्य के वित्ता मंत्री अमित मित्रा ने रतन टाटा पर टिप्पणी की है। मित्रा का कहना है कि रतन टाटा अब बूढ़े हो चुके हैं और मन भ्रमित हो चुका है। भारतीय उद्योग परिसंघ [सीआईआई] के एक कार्यक्रम के दौरान मित्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि टाटा की अब आराम करने वाली उम्र हो गई है। साथ ही मित्रा ने कहा कि मैं याद दिला दूं कि टाटा समूह की कंपनी टीसीएस यहां 20 हजार अतिरिक्त रोजगार का सृजन कर रही है।
गौरतलब है कि बुधवार को इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में रतन टाटा ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में अब औद्योगिक विकास के संकेत नजर नहीं आते। साथ ही टाटा ने कहा कि केंद्र में मोदी के आने के बाद अब सरकारी मशीनरी तेजी से काम करने वाली व विकास की तरफदार बन गई है। ऐसे में उन्हें अभी और समय दिया जाना चाहिए।
अपने बारे में पूछे गए एक सवाल पर रतन ने कहा था कि मैं अपने मेंटर जेआरडी टाटा की तरह नहीं हूं। मैं राजनीति के लिए बना ही नहीं हूं। इसलिए राजनीति में कभी नहीं उतरूंगा। मैं चाहूंगा कि लोग मुझे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद करें, जिसने किसी का भी दिल नहीं दुखाया।
इस दौरान उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट टाटा नैनो को लेकर कसक जाहिर की थी। टाटा के मुताबिक, बंगाल के सिंगुर से टाटा मोटर्स के नैनो कार के प्लांट को गुजरात के साणंद ले जाना खासा परेशानी भरा रहा। इसकी वजह से टाटा समूह को बढ़ी लागतों के रूप में खामियाजा उठाना पड़ा। साल 2008 में सिंगुर प्लांट में किसानों की जमीन को लेकर आंदोलन के चलते इसे कहीं और ले जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। नैनो के उत्पादन में इसकी वजह से देरी हुई। नतीजतन लाख रुपये की इस कार को लेकर दुनिया भर के लोगों में बना उत्साह जाता रहा।
पढ़ें: कनाडा की यूनिवर्सिटी से रतन टाटा को मानद डॉक्टर उपाधि