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पारिवारिक मूल्यों से जुड़े धारावाहिक और फिल्में बनवाएगा RSS

संघ ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद लोगों से ऐसी फिल्में और धारावाहिक बनाने का अनुरोध किया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 09:02 AM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 09:03 AM (IST)
पारिवारिक मूल्यों से जुड़े धारावाहिक और फिल्में बनवाएगा RSS
पारिवारिक मूल्यों से जुड़े धारावाहिक और फिल्में बनवाएगा RSS

भोपाल, नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। समाज की आधारभूत इकाई 'परिवार" को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पारिवारिक मूल्यों से जुड़े धारावाहिक और फिल्में बनवाएगा। पिछले दिनों ग्वालियर में हुई संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें परिवार इकाई को मजबूत करने के लिए न सिर्फ इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने की अपील की गई, बल्कि संघ ने अनुरोध किया है कि पारिवारिक मूल्यों से जुड़े धारावाहिक और फिल्में भी बनाई जाएं, ताकि परिवार में सकारात्मक माहौल बन सके। यदि सबकुछ संघ के मुताबिक रहा तो आने वाले दिनों में इस विषय से जुड़ी फिल्में और धारावाहिक देखने को मिल सकते हैं।

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संघ ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद लोगों से ऐसी फिल्में और धारावाहिक बनाने का अनुरोध किया है। सूत्रों के मुताबिक, संघ के अनुरोध के बाद विचारधारा से जुड़े कई लोग ऐसी फिल्म और नाटक बना सकते हैं। संघ पिछले कई सालों से परिवार को मजबूत बनाए रखने के लिए कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम चला रहा है। इस कार्यक्रम के तहत परिवार के सदस्यों को सप्ताह में एक दिन एक साथ भोजन करने की सलाह संघ देता है। इसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए संघ परिवार से जुड़े मूल्यों पर धारावाहिक और फिल्में बनवाने पर विचार कर रहा है।

दरअसल, टेलीविजन चैनलों पर आ रहे डेली सोप संघ के निशाने पर हैं। संघ का मानना है कि आजकल टीवी पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक युवाओं के मन में परिवार की खराब छवि पेश करते हैं। पिछले दिनों संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने भी इन टीवी सीरियल्स की आलोचना की थी।

परिवार में विश्वास बढ़ाने वाले धारावाहिक बनवाएं

'परिवार समाज की आधारभूत इकाई हैं। संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है कि परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। परिवार में संस्कार नहीं मिलने से जघन्य अपराध हो रहे हैं। नशाखोरी, व्यसन बढ़ गया है। आधुनिकता के नाम पर बाजारवाद बढ़ा है। कुटुंब की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए संघ अनुरोध करता है कि परिवार को मजबूत करने के लिए सकारात्मक, विश्वास बढ़ाने वाले, संवाद के साथ फिल्म, नाटक, टीवी सीरियल बनाए जाएं। पिछले कुछ समय से ऐसे धारावाहिक दिखाए जाते हैं, जिनमें पति को पत्नी पर, पत्नी को पति पर भरोसा नहीं होता। इनसे नकारात्मक भाव फैलता है।"

- दत्तात्रेय होसबले, सह सरकार्यवाह, आरएसएस (प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में बोले थे)


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