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Ranking of Schools: उच्च शिक्षण संस्थानों की तरह स्कूलों की भी जारी होगी रैंकिंग, अगले साल तक फ्रेमवर्क तैयार करने का लक्ष्य

ranking of schools स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धी माहौल तैयार करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों की तरह देशभर के स्कूलों की भी रैंकिंग जारी होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनआइआरएफ 2022 जारी करने के दौरान इसका एलान किया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 15 Jul 2022 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jul 2022 10:33 PM (IST)
Ranking of Schools: उच्च शिक्षण संस्थानों की तरह स्कूलों की भी जारी होगी रैंकिंग, अगले साल तक फ्रेमवर्क तैयार करने का लक्ष्य
देशभर के स्कूलों की भी रैंकिंग जारी होगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती देने सहित स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धी माहौल तैयार करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों की तरह देशभर के स्कूलों की भी रैंकिंग जारी होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को एनआइआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क)- 2022 जारी करने के दौरान इसका एलान किया। साथ ही बताया कि मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर इसकी तैयारी में जुटा है। अगले साल तक इसका पूरा फ्रेमवर्क तैयार होने की उम्मीद है।

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आइटीआइ संस्थानों की रैंकिंग तैयार

इसी तरह पालिटेक्निक और आइटीआइ संस्थानों की रैंकिंग तैयार करने की दिशा में चल रहे प्रयासों की भी उन्होंने जानकारी साझा की। प्रधान ने इस मौके पर एनआइआरएफ में नवाचार और उद्यमिता नाम से दो और कैटेगरी शामिल करने का सुझाव दिया। अभी इनमें कुल 11 कैटेगरी हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सभी शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जरूरी है।

स्कूलों की रैंकिंग तैयार करने की सिफारिश

खासकर स्कूलों के लिए तो यह बेहद जरूरी हो गया है। इसके जरिये अभिभावक अपने बच्चों को किसी भी स्कूल में दाखिला दिलाने से पहले यह जान सकेंगे कि उसकी गुणवत्ता कैसी है। हालांकि उन्होंने इस पूरी व्यवस्था को सख्त और पारदर्शी बनाने का सुझाव दिया। मालूम हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में भी स्कूलों की रैंकिंग तैयार करने की सिफारिश की गई है।

नैक और एनआइआरएफ रैंकिंग में शामिल होना होगा जरूरी

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए अब नैक (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडेशन काउंसिल) और एनआइआरएफ रैंकिंग में शामिल होना जरूरी होगा। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से कहा कि वह इसके लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करें, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि सिर्फ इनमें शामिल होने वाले संस्थानों को ही वित्तीय मदद दी जाए।

धर्मेंद्र प्रधान ने दिया था सुझाव

नैक व एनआइआरएफ रैंकिंग में अभी बड़ी संख्या में उच्च शिक्षण संस्थान हिस्सा नहीं लेते हैं। इस बार एनआइआरएफ की रैंकिंग के लिए 7,200 उच्च शिक्षण संस्थानों ने रजिस्ट्रेशन कराए थे। इसके साथ ही प्रधान ने नैक और एनआइआरएफ की रैंकिंग के आधार पर ही संस्थानों को विदेशी विश्वविद्यालयों से जुड़े कोर्सों को शुरू करने की अनुमति देने जैसी व्यवस्था को तैयार करने का सुझाव दिया। 


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