भागवत ने मोदी को दोस्त बनाया, शकील बोले खून बहाया
महाकुंभ में चल रही विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद के दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से राम मंदिर के मुद्दे को दोहराते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देश के करोड़ों लोगों की अस्मिता से जुड़ा हुआ है। उन्होंने राम मंदिर निर्माण को एक आंदोलन बताया है। भागवत ने कुंभ में आज जहां नरेद्र मोदी को अपना करीबी दोस्त बताकर यह जता दिया कि वह पीएम पद के लिए उनका नाम आगे बढ़ा सकते हैं।
नई दिल्ली। महाकुंभ में चल रही विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद के दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से राम मंदिर के मुद्दे को दोहराते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देश के करोड़ों लोगों की अस्मिता से जुड़ा हुआ है। उन्होंने राम मंदिर निर्माण को एक आंदोलन बताया है। भागवत ने कुंभ में आज जहां नरेद्र मोदी को अपना करीबी दोस्त बताकर यह जता दिया कि वह पीएम पद के लिए उनका नाम आगे बढ़ा सकते हैं।
वहीं कांग्रेस के शकील अहमद ने आज ट्विटर के माध्यम से मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात का नमक खाया और गुजरातियों का ही खून बहाया है। शकील के ट्वीट पर भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि राजनीति कांग्रेस की पुरानी आदत है। नकवी ने कहा कि जहां आज के दिन विकास की राजनीति की जरूरत है वहां कांग्रेस की सोच इसके ठीक उलट है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मोदी से बौखला गई है। वहीं शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि कांग्रेस को मोदी के खिलाफ ये बयान देना भारी पड़ेगा।
भागवत ने कुंभ की विश्व संसद में केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया वहीं हिंदू आतंकवाद पर उन्होंने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी जमकर कोसा। उम्मीद की जा रही है कि पीएम पद की दावेदारी के तौर पर यहां नरेंद्र मोदी के नाम पर पर भी चर्चा होगी।
आज खुले सत्र में तकरीबन 10 हजार साधु-संत अपनी राय रखेंगे। गौ हत्या के खिलाफ और गंगा की शुद्धि के लिए प्रस्ताव भी रखा जाएगा। बुधवार को यहां पर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने एक बार फिर राम कार्ड खेलने और हिंदुत्व पर वापस लौटने की अपनी मंशा का खुलासा किया था।
विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद के दूसरे दिन आज कुंभ में संघ प्रमुख मोहन भागवत केंद्र सरकार पर निशाना साधेंगे, इसके लिए वह वहां पर पहुंच चुके हैं। इसका अर्थ है कि आज धर्मसंसद में सरकार पर सीधे-सीधे वार किया जाएगा। संघ ने भी साफ किया है कि हिंदुत्व और राम मंदिर के मुद्दे को छोड़ने की बदौलत ही 2004 और 2009 के चुनाव में भाजपा की न तो सीटें बढ़ीं न सहयोगी बढ़े। लिहाजा अब पार्टी के लिए दोबारा अपनी मूल विचारधारा को गले लगाने का वक्त आ गया है।
इससे पहले बुधवार को पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कुंभ में जहां संतों से आर्शीवाद लिया वहीं कहा कि भाजपा राम जन्म भूमि पर ही भव्य राम लला का मंदिर बनवाने के लिए प्रतिबद्ध थी और है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इसके लिए पार्टी को पूर्ण बहुमत चाहिए होगा, जिसके लिए वह अपना पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो इस मुद्दे पर खुलकर बोलती है, अन्यथा कोई दूसरी पार्टी इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलती है।
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