किसी धर्म के खिलाफ नहीं था रामजन्मभूमि आंदोलन: वेंकैया
वेंकैया नायडू ने कहा कि पूरे देश से आए कारसेवकों ने एक भी मुस्लिम धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राम जन्मभूमि आंदोलन मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। आंदोलन सिर्फ एक स्थल पर ऐतिहासिक व पौराणिक दावे तक सीमित था। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल पर पुस्तक का विमोचन करते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि पूरे देश से आए कारसेवकों ने एक भी मुस्लिम धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की।
वेंकैया नायडू के अनुसार किशोरावस्था से ही आजीवन प्रचारक रहे अशोक सिंघल ने हिंदू संस्कृति और गौरव को पुनस्र्थापित करने के लिए काम करते रहे। उन्होंने भारतीय संस्कृति को समावेशी बताते हुए कहा कि अंग्रेजों के शासन के पहले दुनिया के जीडीपी में भारत का हिस्सा 27 फीसदी था। इसके बावजूद भारत ने किसी पर हमला करने की कोशिश नहीं की। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू एक संस्कृति और जीवन पद्धति है, जो गंगा जैसी विशाल है। जो सभी धर्मो को मिलजुलकर सद्भावना के साथ रहने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल इसी जीवंत नदी के पावन जल से सब भारतीयों को पुनीत करने के लिए आजीवन प्रयास करते रहे।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अशोक सिंघल को रामजन्मभूमि आंदोलन का प्रणेता माना जाता है। लेकिन वेंकैया नायडू ने साफ किया कि यह आंदोलन किसी धर्म के खिलाफ नहीं था। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इसके आंदोलन हो रहा था और कोने-कोने से स्वयंसेवक कारसेवा के लिए आए थे। लेकिन रास्ते में इस्लाम के एक भी धार्मिक स्थल को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। यह इसका सबूत है कि पूरा आंदोलन सिर्फ रामजन्मभूमि तक सीमित था। इस अवसर पर हरिद्वार में भारत माता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि ने अशोक सिंघल को राष्ट्र ऋषि की संज्ञा दी।
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