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राजनाथ सिंह बोले, किसी भी देश में भारत की ओर आंख उठाने की नहीं है हिम्मत

क्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भारत-चीन सीमा पर रहने वाले भारतीयों को चीन द्वारा परेशान किए जान की शिकायत पर कहना है कि किसी को घरबराने की जरूरत नहीं है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 01:45 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 03:01 PM (IST)
राजनाथ सिंह बोले, किसी भी देश में भारत की ओर आंख उठाने की नहीं है हिम्मत
राजनाथ सिंह बोले, किसी भी देश में भारत की ओर आंख उठाने की नहीं है हिम्मत

नई दिल्‍ली, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भारत-चीन सीमा पर रहने वाले भारतीयों को चीन द्वारा परेशान किए जान की शिकायत पर कहना है कि किसी को घरबराने की जरूरत नहीं है। उन्‍होंने कहा, 'किसी भारतीय को परेशान होने की जरूरत नहीं है। जहां तक हमारी सीमाओं का सवाल है, हमारे देश की सशस्त्र सेनाओं में अपना भरोसा रखें। विश्‍व के किसी भी देश में भारत की ओर आंख उठा कर देखने की हिम्मत नहीं है।'

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वहीं, जम्‍मू-कश्‍मीर के युवा पत्‍थरबाजी में भी शामिल होते रहे हैं। कश्‍मीर के युवाओं के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी राष्ट्रीयता के समर्थक बच्चे हैं। इन बच्‍चों को अन्यथा नहीं देखा जाना चाहिए। कई बार ऐसा देखने को मिला है, जब लोग उन्हें सही तरीके से प्रेरित नहीं करते हैं। ऐसे लोग गलत राह की ओर इनको धकेल देते हैं। इसलिए बच्‍चों को नहीं, बल्कि गलत दिशा में प्रेरित करने वालों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।'

बता दें कि बीते एक साल के दौरान कश्मीर की सियासत और पहचान का पर्याय कहे जाने वाले लालचौक पर बुधवार की सुबह केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी पहुंचे। श्रीनगर के दौरे पर पहुंचे अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने डल झील और ङोलम के कुछ हिस्सों का भी दौरा किया। उन्होंने शिकारे की सैर करते हुए डल संरक्षण और डल निवासियों के पुनर्वास योजना का भी जायजा लिया। नकवी ने कहा कि धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वह कश्मीर में ही है। इसको किसी की नजर लग गई थी। आज फिर वह वक्त आ गया है जब हमें कश्मीर को फिर से वही स्वर्ग बनाना है।

कश्मीर के बाल वीर सरताज और मुदस्सर को वीरता पुरस्कार

कश्‍मीर के दो बच्‍चे भी गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किए जा रहे हैं। इनमें एक उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एलओसी के साथ सटे चौकीबल का रहने वाला 16 वर्षीय सरताज मोहिउदीन मुगल है। दूसरा श्रीनगर के साथ सटे बड़गाम का रहने वाला 17 वर्षीय मुदस्सर अशरफ है। सरताज ने पाकिस्तानी गोलाबारी से आग की लपटों से घिरे अपने अपने पूरे परिवार को बचाया था। वहीं मुदस्सर ने वायुसेना के जल रहे हेलीकॉप्टर से अधिकारियों व एक ग्रामीण को बचाने में जी जान लगा दी थी।


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