किसान आंदोलन के मुद्दे पर राजनाथ सिंह व दुष्यंत चौटाला ने की बातचीत
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला से किसान आंदोलन मुद्दे पर बात की। दुष्यंत चौटाला अनेकों बार कह चुके हैं कि यदि किसानों की बात न मानी गई तो वे कुर्सी छोड़ने पर विचार कर सकते हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। जननायक पार्टी के संस्थापक (JJP) और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Haryana Deputy Chief Minister Dushyant Chautala) व केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मुलाकात की। 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। किसान आंदोलन के कारण हरियाणा सरकार भी परेशानी से घिरी हुई है। किसान आंदोलन के बीच राज्य में सरकार की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) नेता दुष्यंत चौटाला अनेकों बार कह चुके हैं कि यदि किसानों की बात न मानी गई तो वे कुर्सी छोड़ने पर विचार कर सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत ने कहा कि किसानों को हरियाणा में जब तक एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) मिलेगा, तब तक वह सरकार का हिस्सा हैं। प्रदेश में जिस दिन किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगा, वह सरकार से हिस्सेदारी छोड़ देंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एमएसपी खत्म नहीं होगी। गठबंधन सरकार मजबूत है और अगले चार साल प्रदेश हित में काम करेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला ने सबसे पहले एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लिखित में शामिल करने के लिए केंद्र से कहा था। इसके लिए केंद्र सरकार तैयार है। जब तक हम सरकार में हैं, किसानों की फसलों के एक-एक दाने पर एमएसपी सुनिश्चित होगी। जिस दिन एमएसपी व्यवस्था पर कोई आंच आएगी, उसी दिन वह इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से कहा कि अगर इसके बाद भी किसी को कोई संदेह है तो वे हरियाणा में हुई बाजरे की ऐतिहासिक खरीद को देखें।
उपमुख्यमंत्री ने किसान आंदोलन पर कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब व राजस्थान में ऐसा नहीं हैं और वहां बाजरा सड़कों पर बिक रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने तो किसानों को प्रताड़ित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि बिजाई के सीजन में पंजाब के किसानों के पास न खाद पहुंच पाई और न ही बीज। उन्होंने कहा कि इस तरह से पंजाब सरकार ने योजनाबद्ध ढंग से किसानों को परेशान किया, जिससे आज पंजाब के किसानों में रोष हैं।