राजनाथ ने की साइबर आर्थिक अपराध रोकने के उपायों की समीक्षा
राजनाथ सिंह को बताया गया कि जामताड़ा और इसके आसपास के इलाकों में सक्रिय साइबर अपराधियों के खिलाफ राज्य पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार फोन पर ई-वॉलेट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर पैसा निकालने की बढ़ती घटनाओं को रोकने की कोशिश में जुटी है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस सिलसिले में अब तक उठाए कदमों की समीक्षा की और सभी एजेंसियों को तत्काल और पुख्ता कदम उठाने का निर्देश दिया। बैठक में बताया गया कि झारखंड सरकार जामताड़ा और इसके आसपास सक्रिय साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।
दरअसल साइबर आर्थिक अपराधों और खासकर फोन के सहारे ई-वॉलेट और क्रेडिट व डेबिट कार्ड से पैसा निकालने की घटनाओं को रोकने के लिए सितंबर में अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने पिछले दो महीने में कई कदमों की रूपरेखा तैयार की है, जिनपर अमल भी शुरू हो गया। इसके तहत फोन के जरिये धोखाधड़ी करने वालों को चिह्नित करने के लिए आइआइटी दिल्ली की मदद से डाटा का व्यापक विश्लेषण किया जा रहा है ताकि ई-वॉलेट का प्रतिरूप बनाने को रोका जा सके। इसके सात ही बैंक ग्राहकों को एसएमएस और ई-मेल अलर्ट के जरिये लेन-देन से संबंधित अधिक जानकारी प्रदान करने को कहा गया है। ताकि कार्ड या ई वॉलेट रखने वाले को यह पता चल सके कि पैसा किस व्यक्ति के एकाउंट में ट्रांसफर किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी न कहा कि ग्राहक को अलर्ट भेजने का तंत्र विकसित करना जरूरी है ताकि धोखाधड़ी की स्थिति में जांच की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जा सके।
समिति ने राजनाथ सिंह को बताया कि ई-वॉलेट कंपनी और बैंकों के ग्राहकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी से जुड़ी घटनाओं और जांच का पूरा विवरण सार्वजनिक करने की तैयारी हो रही है। ताकि आम लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी के बारे में जागरूक किया जा सके। इसके साथ ही समिति क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिये प्री-एप्रुव्ड विदेशी भुगतानों को रोकने पर भी विचार रही है। कई मामलों में ई-वॉलेट और कार्ड से पैसा विदेशी खातों में टांसफर कर दिया जाता है, जिसकी रिकवरी मुश्किल हो जाती है।
राजनाथ सिंह को बताया गया कि जामताड़ा और इसके आसपास के इलाकों में सक्रिय साइबर अपराधियों के खिलाफ राज्य पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है। परिणामस्वरूप यहां से फोन पर धोखाधड़ी करने के अपराधों में कमी आयी है। गौरतलब है कि देश में फोन पर धोखाधड़ी के 90 फीसदी मामले जामताड़ा से जुड़े होते हैं।
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