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शाह पर भी दिखी राजनाथ की छाप, नई टीम में पिछड़ों की उपेक्षा

पिछड़ा वर्ग के जिन वोटों के बूते भाजपा लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश में आशातीत सफलता हासिल की, अमित शाह की नई टीम में राज्य को मिली नुमाइंदगी में यह वर्ग उपेक्षित है। अलबत्ता भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यसमिति में राज्य को मिले प्रतिनिधित्व में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की छाप दिखाई दी है। नई टीम में युवाओं को तरजीह दी गई है। हालांकि पार्टी के यूथ फेस वरुण गांधी बाहर कर दिए गए हैं।

By Edited By: Published: Sun, 17 Aug 2014 09:39 AM (IST)Updated: Sun, 17 Aug 2014 10:52 AM (IST)
शाह पर भी दिखी राजनाथ की छाप, नई टीम में पिछड़ों की उपेक्षा

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। पिछड़ा वर्ग के जिन वोटों के बूते भाजपा लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश में आशातीत सफलता हासिल की, अमित शाह की नई टीम में राज्य को मिली नुमाइंदगी में यह वर्ग उपेक्षित है। अलबत्ता भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यसमिति में राज्य को मिले प्रतिनिधित्व में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की छाप दिखाई दी है। नई टीम में युवाओं को तरजीह दी गई है। हालांकि पार्टी के यूथ फेस वरुण गांधी बाहर कर दिए गए हैं।

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माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व से सही सामंजस्य न होने और स्वयंभू कार्यशैली के चलते वरुण शामिल नहीं किए गए। हाल ही में फेसबुक पर मुख्यमंत्री पद के लिए उन्हें मुफीद ठहराने वाले बयान से भी पार्टी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था। शाह की कप्तानी में गठित नई टीम में पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कल्याण सिंह और पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार के करीबी स्थान पाने में नाकाम रहे हैं। पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और स्टैच्यू ऑफ युनिटी के निर्माण के लिए सूबे में लौह संग्रहण समिति के प्रभारी रहे ओम प्रकाश सिंह के किसी नजदीकी को भी जगह नहीं मिल पाई।

पिछड़ा वर्ग के लिहाज से जाट बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले सत्यपाल मलिक को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दोबारा जरूर सौंपी गई है लेकिन इसे हरियाणा के विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। शाह की नई टीम में उप्र की नुमाइंदगी से यह साफ है कि टीम के गठन में राजनाथ सिंह की सलाह को तवज्जो दी गई है।

व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर पार्टी के लिए मशक्कत करने वालों पर भी शाह ने इनायत की है। बीते चुनाव में राजनाथ के प्रचार में दिन-रात एक करने वाले लखनऊ के महापौर डॉ.दिनेश शर्मा को उपाध्यक्ष पद से नवाजा गया है। वहीं राजनाथ के करीबी मुख्तार अब्बास नकवी को पार्टी उपाध्यक्ष के रूप में फिर मौका दिया है। राजनाथ के नजदीकी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिमी क्षेत्र प्रचारक रहे शिवप्रकाश को राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री तथा एक और शुभचिंतक भाजपा के निवेश प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक अरुण सिंह को राष्ट्रीय मंत्री बनाया गया है। राजनाथ के विश्वासपात्र राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी पर शाह ने फिर भरोसा जताया है। हालांकि राजनाथ के एक और भरोसेमंद रहे विनोद पांडेय को राष्ट्रीय कार्यसमिति से चलता कर दिया गया है। आगरा के सांसद रामशंकर कठेरिया को महासचिव बनाकर सूबे में अनुसूचित जाति को साधने की कोशिश की गई है। वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्रीकांत शर्मा को मथुरा से टिकट न मिलने पर भी अनुशासित रहकर पार्टी हित में काम करने का इनाम मिला और वह प्रमोट कर राष्ट्रीय मंत्री बना दिए गए हैं।

भाजपा के प्रशिक्षण शिविर स्थगित

प्रदेश की 12 विधानसभा व एक लोकसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव की घोषणा होते ही भाजपा ने सूबे में अपने सभी प्रशिक्षण शिविर स्थगित कर दिये हैं। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने दी। उन्होंने बताया कि मथुरा में 23 व 24 अगस्त को होने वाली पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक यथावत रहेगी।

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