Move to Jagran APP

जेएनयू मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं राजनाथ सिंह: मनीष तिवारी

जेएनयू विवाद मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान को कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए आरोप लगाया है कि वह मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2016 12:18 PM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2016 01:40 PM (IST)
जेएनयू मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं राजनाथ सिंह: मनीष तिवारी

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर जवाहर लाल विश्विद्यालय मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह बयान राजनाथ के उस बयान की प्रतिक्रिया में दिया है जिसमें उन्होंने जेएनयू विवाद मामले में आतंकी हाफिज सईद का हाथ होने की बात कही थी।

loksabha election banner

उन्होंने मामले में पीएम नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान पर दबाव बनाने और हाफिज सईद को गिरफ्तार करने की बात भी कही थी। तिवारी ने प्रतिक्रिया में ट्वीट कर पीएम मोदी से कहा है कि वह अपने बिरयानी वाले मित्र से आतंकी हाफिज सईद की गिरफ्तारी के लिए कहें।

गौरतलब है कि शनिवार को हाफिज सईद के एक फेक अकाउंट पर जेएनयू के छात्रों को आने और कश्मीर के समर्थन और भारत विरोध की बात कही गई थी। राजनाथ ने कहा था देश के लोगों को इस सच्चाई के बारे में जानना चाहिए। उन्होंने इस पूरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था। उनके इस बयान के बाद गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा था कि एजेंसियों से मिले इनपुट के अाधार पर ही मंत्री ने अपना बयान दिया था।

इस पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के एक अन्य नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर जानना चाहा था कि ऐसी कौन सी एजेंसी है जिसने इस तरह का इनपुट दिया था कृपा कर उसका नाम बताएंगे।

पढ़ें: देश विरोधियों के समर्थन पर माफी मांगे सोनिया और राहुल: अमित शाह

VC की अपील, 'आंदोलन का रास्ता छोड़, शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लें छात्र'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.