पूर्व गृह सचिव राजीव महर्षि ने नियंत्रक एवं महालेखा (कैग) के रूप में शपथ ली
62 वर्षीय महर्षि को पद और गोपनीयता की शपथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई।इस मौके पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी मौजूद थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्व गृह सचिव राजीव महर्षि ने अाज नियंत्रक एवं महालेखा (कैग) के रूप में शपथ ली। इस मौके पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। वह शशिकांत शर्मा का स्थान लिया। 62 वर्षीय महर्षि को पद और गोपनीयता की शपथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई।
राजीव महर्षि राजस्थान कैडर के 1978 बैच के सेवानिवृत्ति आइएएस अफसर हैं। पिछले माह ही उन्होंने अपना दो साल का गृह सचिव का कार्यकाल पूरा किया है। महर्षि ने ब्रिटेन के ग्लासगो स्थित स्टैथक्लाइड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। उन्होंने एमए और बीए दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया है। वह राजस्थान कैडर और केंद्र में कई पद संभाल चुके हैं। गृह सचिव रहने से पहले वह आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्थान के मुख्य सचिव रह चुके हैं। वह रसायन व उवर्रक और ओवरसीज भारतीय मामलों के सचिव भी रह चुके हैं।
महर्षि से पहले शशिकांत शर्मा कैग का कार्यभार 23 मई, 2013 से संभाल रहे थे। वह विगत शुक्रवार को ही पद मुक्त हो गए। कैग से पहले शर्मा रक्षा सचिव के पद पर भी रह चुके हैं। नियंत्रक और महालेखाकार के पद पर महर्षि तीन साल रहेंगे। उल्लेखनीय है कि कैग का कार्यकाल वैसे तो छह साल का होता है। लेकिन कोई भी इस पद पर 65 साल से अधिक उम्र तक नहीं रह सकता। संवैधानिक दर्जा होने के नाते कैग को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के कामकाज का ऑडिट देखना होता है। कैग की रिपोर्ट संसद और विधानसभाओं के समक्ष पेश की जाती है।
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