राजीव गांधी हत्याकांड की सजायफ्ता नलिनी की परोल बढ़ाने से मद्रास हाई कोर्ट का इनकार
मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन को दी गई परोल की अवधि को बढ़ाने से इंकार कर दिया है।
चेन्नई, एएनआइ। मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन को दी गई परोल की अवधि को बढ़ाने से इंकार कर दिया है। नलिनी ने परोल को 15 अक्टूबर तक बढ़ाए जाने का आग्रह करते हुए अर्ज़ी दी थी। बता दें कि नलिनी परोल पर एक महीने के लिए बाहर आई हैं। उसने बेटी की शादी के लिए परोल की याचिका की थी, जिसे 5 जुलाई को मद्रास कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने यह शर्त लगाई है कि इस दौरान वह वेल्लोर में ही रहेगी और मीडिया व किसी नेता से बात नहीं करेगी।
27 साल में एक बार भी छुट्टी नहीं ली
नलिनी की बेटी लंदन में रहती है। परोल के लिए नलिनी ने कहा था कि हर दोषी दो साल की जेल की सजा के बाद एक महीने की साधारण छुट्टी का हकदार होता है लेकिन उसने पिछले 27 साल में एक बार भी छुट्टी नहीं ली है। काफी लंबे समय से जेल में कैद नलिनी राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा भुगत रही है। नलिनी ने 6 महीने की परोल मांगी थी लेकिन उसे सिर्फ एक महीने की परोल मिली है। मद्रास हाईकोर्ट नलिनी श्रीहरन की एक याचिका को खारिज भी कर चुका है। नलिनी ने तमिलनाडु सरकार के 2018 के फैसले के आधार पर सभी दोषियों को रिहा करने की मांग की थी। वहीं हाईकोर्ट ने श्रीहरन की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह राज्यपाल को कार्रवाई करने का निर्देश नहीं दे सकता।
उम्रकैद की सजा काट रहे सात कैदी
चेन्नई के पास एक चुनावी रैली में राजीव गांधी से मिलने के दौरान लिट्टे संगठन की आत्मघाती हमलावर महिला ने खुद को उड़ा लिया था इसके बाद से सातों दोषी 1991 से जेल में हैं। राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों में पेरारीवलन, मुरुगन, नलिनी, शांतन, रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस शामिल हैं। नलिनी का पति मुरुगन भी इसी जेल में उम्र कैद की सजा भुगत रहा है। शुरुआत में राजीव गांधी की हत्यारे को रहने का ठिकाना उपलब्ध कराने को लेकर नलिनी को मौत की सजा दी गई थी। लेकिन जेल में बेटी को जन्म देने के बाद सोनिया गांधी ने मामले में हस्तक्षेप किया और सजा को बदल दिया गया।