Move to Jagran APP

राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल ढेर, 45 मिनट तक चली फायरिंग

घर की छत पर बने कमरे में रह रहे आनंदपाल ने एसओजी की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से करीब 45 मिनट तक फायरिंग होती रही।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 07:21 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 07:21 AM (IST)
राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल ढेर, 45 मिनट तक चली फायरिंग
राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल ढेर, 45 मिनट तक चली फायरिंग

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में खौफ का पर्याय बन चुका कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह शनिवार देर रात 11:25 बजे मारा गया। राज्य एसओजी और स्थानीय पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी गैंगस्टर आनंदपाल डेढ़ वर्ष से फरार चल रहा था। मुठभेड़ के दौरान आनंदपाल और उसके दो साथियों ने पुलिस पर एके-47, बंदूक और रायफल से करीब 100 राउंड फायर किए। पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई। इस दौरान आनंदपाल को छह गोलियां लगीं और वह मौके पर ही मारा गया। वहीं उसके दो साथी पकड़े गए।

loksabha election banner

फरारी के दौरान मध्य प्रदेश और हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में रहने के बाद दो दिन पहले ही वह राजस्थान के चूरू जिले के मालासर गांव आया था। वह यहां श्रवण सिंह नामक सेना के रिटायर्ड एक सुबेदार के घर रह रहा था। राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि करीब डेढ़ माह से एसओजी के आइजी दिनेश एमएन के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भटनागर हरियाणा में रह कर आनंदपाल और उसके दो भाइयों की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। इस काम में हरियाणा पुलिस का भी सहयोग लिया गया।

शनिवार दोपहर बाद भटनागर को जानकारी मिली कि आनंदपाल के दो भाई विक्की और देवेन्द्र सिरसा में रह रहे हैं। इस पर उन्होंने पुलिस टीम के साथ विक्की और देवेन्द्र को शनिवार शाम छह बजे ही दबोच लिया। दोनों से कड़ी पूछताछ की गई। पहले तो वह कुछ भी बताने से इन्कार करते रहे, लेकिन पुलिस टीम ने दोनों को एनकाउंटर करने की धमकी दी तो आनंदपाल के राजस्थान के चूरू जिले के मालासर गांव में छिपे होने की जानकारी दे दी। इस पर भटनागर ने आइजी दिनेश एमएन को सूचना दी और फिर चूरू से हरियाणा व मध्य प्रदेश जाने वाले रास्तों पर नाकेबंदी करा दी गई। देर रात करीब 10:30 बजे एसओजी की टीम मालासर गांव में श्रवण सिंह के घर पहुंची तो वहां मौजूद लोगों ने टीम को अंदर नहीं जाने दिया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने विरोध कर रहे सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस थाने पहुंचाया।

इसी बीच घर की छत पर बने कमरे में रह रहे आनंदपाल ने एसओजी की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से करीब 45 मिनट तक फायरिंग होती रही। आखिरकार रात 11:25 बजे एनकाउंटर में आनंदपाल मारा गया। आनंदपाल के मारे जाने के बाद एसओजी ने उस घर सहित पूरे गांव को सील कर दिया। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। शनिवार रात आनंदपाल का शव मौके पर ही रहने दिया गया और रविवार दोपहर में उसका पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि आनंदपाल के साथ हुई मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।

इधर, रविवार शाम आनंदपाल के नागौर स्थित पैतृक गांव सांवरदा में बड़ी संख्या में उसके रिश्तेदार और राजपूत समाज के लोग जुट गए। परिजनों ने पहले तो आनंदपाल का शव लेने से इन्कार करते हुए कहा कि मामले की सीबीआइ जांच कराई जाए। पुलिस ने आनंदपाल को घेरकर मारा है। रविवार शाम अचानक बड़ी संख्या में आनंदपाल के रिश्तेदारों और ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू करते हुए नारेबाजी की। उत्तेजित भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग के साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े।

इसे भी पढ़ें: पेट्रोल पंप पर डकैती की साजिश रचते पांच बदमाश गिरफ्तार 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.