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गुर्जर समुदाय के आगे झुकी राजस्थान सरकार, आरक्षण आंदोलन से पहले मानी 3 मांगे

गुर्जर समुदाय ने आरक्षण के लिए राजस्थान में 1 नंबर को आंदोलन करने का एलान किया था। इसके बाद राज्य सरकार आंदोलन से पहले गुर्जरों की तीन मांगे मान ली है। इस निर्णय के साथ ही राज्य सरकार ने गुर्जरों से बाचतीत के लिए कहा है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 01:36 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 01:36 PM (IST)
गुर्जर समुदाय के आगे झुकी राजस्थान सरकार, आरक्षण आंदोलन से पहले मानी 3 मांगे
गुर्जर समुदाय के आगे झुकी राजस्थान सरकार, आरक्षण आंदोलन से पहले मानी 3 मांगे।

जयपुर, एएनआइ। राजस्थान के मंत्री मंत्री रघु शर्मा ने गुर्जर समुदाय से आरक्षण के मुद्दे पर बातचीत की। गुर्जर समुदाय आरक्षण की मांग के लिए 1 नवंबर को आंदोलन करने चेतावनी दी गई थी। गुर्जर समुदाय के आगे झुकते हुए राज्य सरकार ने उनकी तीन मांगों पर फैसला लिया है। रघु शर्मा ने बताया कि गुर्जर समुदायों से बातचीत के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी को कानून का पालन करना चहिए और कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।

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आगामी आदेश तक एक नवंबर को गुर्जर समुदाय के आंदोलन के मद्देनजर धौलपुर में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू करने का फैसला लिया गया था अब यह धारा करौली में भी लागू रहेगी। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अति पिछड़ा वर्ग के जिन 1252 अभ्यर्थियों का परिवीक्षाकाल पूर्ण हो चुका है उन सभी अभ्यर्थियों को राज्य सरकार द्वारा परिवीक्षावधि पूर्ण होने पर ‘रेगुलर पे-स्केल’ दी जाएगी। वहीं अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण से संबंधित प्रावधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक बार फिर केंद्र सरकार को तत्काल कहा जाएगा। 

इसके साथ ही गुर्जर आंदोलन के दौरान घायल हुए जिन तीन लोगों की बाद के वर्षों में मौत हो गयी थी, उनके परिवारों को पांच-पाच लाख रुपये देने का एलान किया गया है।

समाज गुर्जरों सहित रैबारी, रायका, बंजारा व गाड़िया लुहार को अति पिछड़ा वर्ग में दिए गए पांच फीसद आरक्षण का मामला संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने, अति पिछड़ा वर्ग का सरकारी भर्तियों में बैकलॉग पूरा करने व देवनारायण बोर्ड के गठन और पिछले आरक्षण आंदोलनों में जिन लोगों के खिलाफ मुकदमें दर्ज हुए हैं, उन्हें वापस लेने की मांग कर रहा है। 

वहीं, खेल मंत्री अशोक चांदना का कहना है कि नौवीं अनुसूची मे शामिल कराने का मामला केंद्र सरकार तहत आता है। इस संबंध में राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को दो बार पत्र लिखा जा चुका है, एक बार फिर आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भर्तियों में आरक्षण का पूरा लाभ देने के लिए भी सरकार तैयार है। देवनारायण बोर्ड का बजट बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि गुर्जर नेताओं को वार्ता करनी चाहिए। उधर, पिछले आंदोलनों से सबक लेते हुए सरकार ने भरतपुर व करौली जिलों के इंटरनेट सेवा आगामी आदेश तक बंद कर दी है।


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