अब राज ठाकरे बनाएंगे तीसरा मोर्चा
राजग के दरवाजे बंद हैं और संप्रग लगातार उपेक्षा कर रहा है। इसलिए आहत मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने तीसरा मोर्चा बनाकर इन दोनों गठबंधनों को भरपूर नुकसान पहुंचाने का मन बना लिया है। खासतौर से अक्टूबर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में। राज ने महाराष्ट्र के कई ऐसे छोटे दलों से
मुंबई, [ओमप्रकाश तिवारी]। राजग के दरवाजे बंद हैं और संप्रग लगातार उपेक्षा कर रहा है। इसलिए आहत मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने तीसरा मोर्चा बनाकर इन दोनों गठबंधनों को भरपूर नुकसान पहुंचाने का मन बना लिया है। खासतौर से अक्टूबर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में। राज ने महाराष्ट्र के कई ऐसे छोटे दलों से बातचीत शुरू कर दी है, जिनका विस्तार पूरे महाराष्ट्र में नहीं है, लेकिन एक निश्चित दायरे में मजबूत पकड़ रखते हैं।
कोंकण के समुद्रतटीय क्षेत्रसे चार विधायक चुनवाकर लाने वाला शेतकरी कामगार पक्ष (शेकाप), पश्चिम महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव रखने वाली दो विधायकों की पार्टी जनसुराज्य पक्ष (जेएसपी) और नासिक क्षेत्र की विधान परिषद सदस्य अपूर्वा हिरे से राज की पहले दौर की बातचीत हो चुकी है। ये दल लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन अगर राज अपने प्रत्याशी उतारें तो उन्हें ताकत देकर राजग और संप्रग को झटका जरूर दे सकते हैं। राज की इस पहल में राजग और संप्रग से असंतुष्ट लोग भी शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि राज 9 मार्च को मनसे के स्थापना दिवस पर कुछ उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे। इन प्रत्याशियों में 2009 के लोकसभा चुनाव की ऐसी सीटें शामिल होंगे, जिन पर मनसे को सवा लाख या इससे ज्यादा मत प्राप्त हुए थे। बाद में उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। अगर राज ठाकरे की पहल रंग लाती है तो राजग को लोकसभा चुनाव में तो नुकसान उठाना ही पड़ेगा, अक्टूबर में राज्य विधानसभा चुनावों में भी गहरा झटका लग सकता है। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनावों में मनसे अकेले ही राज्य की 288 में 143 सीटों पर लड़कर 13 सीटें जीतने और शिवसेना-भाजपा को सत्ता से दूर रखने में सफल रही थी।