'राज ठाकरे को न दी जाए तवज्जो'
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे तवज्जो लायक नहीं हैं। मुकदमा दर्ज होने से उन्हें बेवजह महत्व मिलेगा। बंबई हाई कोर्ट ने सोमवार को राज ठाकरे के खिलाफ अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। एडवोकेट एजाज नकवी ने राज के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए कोर्ट में
मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे तवज्जो लायक नहीं हैं। मुकदमा दर्ज होने से उन्हें बेवजह महत्व मिलेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को राज ठाकरे के खिलाफ अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
एडवोकेट एजाज नकवी ने राज के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस साल पांच फरवरी को हाई कोर्ट ने शिवाजी पार्क में रैली आयोजित करने की मनसे की अपील खारिज कर दी थी। नगर निगम ने इसे 'शांत जोन' में घोषित कर रखा है। नकवी की याचिका में आरोप लगाया गया है कि पीठ के इस फैसले के तुरंत बाद राज ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कोर्ट के आदेश को पक्षपातपूर्ण करार दिया। मनसे नेता ने आदेश की हंसी उड़ाते हुए यहां तक कहा कि जजों ने आदेश की प्रति पर हस्ताक्षर तक नहीं किए ताकि उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने से रोका जा सके। याचिका में दलील दी गई कि राज के उक्त बयान कोर्ट की गरिमा को कम करते हैं। चीफ जस्टिस मोहित शाह और जस्टिस नितिन जामदार की पीठ ने इस पर कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी के मामले का हवाला दिया। बेंच ने कहा, 'असीम ने कुछ कार्टून बनाए थे। उसकी गिरफ्तारी के बाद लोगों को उन कार्टूनों के बारे में पता चला। तब तक असीम को कोई नहीं जानता था।' नकवी को कहा गया कि ऐसी कार्रवाई के लिए याचिका डालकर वह राज को महत्व देंगे, जिसकी जरूरत नहीं है।
सोमवार को ही मनसे प्रमुख अपने चाचा शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे से मुलाकात करने उनके बांद्रा स्थित आवास मातोश्री पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि वह बाल ठाकरे की सेहत के बारे में जानकारी लेने आए थे। काफी समय से ठाकरे का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।
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