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बारिश से उत्तर प्रदेश में 17 मौतें, उत्तराखंड व हिमाचल में भी मुसीबत

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हो रही बारिश कहीं राहत बनी तो कहीं आफत बनकर बरसी। वर्षा से सूखे की स्थिति से जूझ रहे कई जिलों को राहत मिली है। दूसरी ओर, बिजली गिरने व मकान ढहने की घटनाओं में 17 जानें चली गई। पूर्वाचल में सबसे ज्यादा दस मौतें हुई। सबसे अधिक 100 मिमी. बारिश बाराबंकी में ह

By Edited By: Published: Fri, 12 Sep 2014 11:31 PM (IST)Updated: Fri, 12 Sep 2014 11:33 PM (IST)
बारिश से उत्तर प्रदेश में 17 मौतें, उत्तराखंड व हिमाचल में भी मुसीबत

जेएनएन, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हो रही बारिश कहीं राहत बनी तो कहीं आफत बनकर बरसी। वर्षा से सूखे की स्थिति से जूझ रहे कई जिलों को राहत मिली है। दूसरी ओर, बिजली गिरने व मकान ढहने की घटनाओं में 17 जानें चली गई। पूर्वाचल में सबसे ज्यादा दस मौतें हुई।

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सबसे अधिक 100 मिमी. बारिश बाराबंकी में हुई। अवध क्षेत्र के गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, सुलतानपुर आदि जिले भी रुक-रुककर हो रही लगातार बारिश से सराबोर रहे। इस दौरान सुल्तानपुर में आकाशीय बिजली गिरने से एक श्रमिक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य युवक घायल हो गया। हरदोई में लगातार बारिश से कच्चा कमरा गिर गया। हादसे में पिता-पुत्री की मौत हो गई।आकाशीय बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में रायबरेली में दो बच्चियों और एक महिला की मौत हो गई। उन्नाव में एक युवक की जान चली गई।

बनारस में वज्रपात की चपेट में आने से दस लोगों की मौत हो गई, कुछ मवेशियों की भी मौत हुई है। सोनभद्र में एक महिला समेत पांच लोगों ने दम तोड़ दिया। मीरजापुर, बलिया व जौनपुर में एक-एक महिलाएं काल के गाल में समा गई। वाराणसी में एक किशोर समेत दो लोगों ने दम तोड़ दिया। दूरदर्शन केंद्र वाराणसी के टावर पर बिजली गिरने से प्रसारण प्रभावित हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय कार्यालय भी जलजमाव की चपेट में आ गया।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में हुई हल्की बारिश दिल्ली वासियों को राहत नहीं पहुंचा सकी शुक्रवार का दिन उमस भरा रहा। अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जबकि अधिकतम आ‌र्द्रता 95 प्रतिशत रहा।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के द्रंग हलके के कमांद में तीन दिन से पहाड़ी दरकने से भूस्खलन बढ़ गया है। बारिश के कारण यहां पहाड़ी पूरी तरह से बैठने का खतरा मंडरा रहा है। मूसलाधार बारिश से पहाड़ी में हुए भारी भूस्खलन का मलबा ऊहल में जा गिरा। इससे नदी के बहाव पर रोक लग गई। झील का आकार लगातार बढ़ रहा है। आगामी एक-दो दिन में अगर मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो पहाड़ी पूरी तरह से जमींदोज हो सकती है। प्रशासन फिलहाल स्थिति पर नजर रखे हुए है। झील बनने से जिन 25 परिवारों के मकानों को खतरा बना हुआ है, उन्हें अब भी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कमांद व आइआइटी में ठहराया गया है।

उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में जमकर बारिश हुई। देहरादून, नैनीताल, पौड़ी समेत कई स्थानों पर मेघ झमाझम बरसे, जबकि कुछ स्थानों पर हल्की फुहारें पड़ीं। जोरदार बारिश के चलते बदरीनाथ राजमार्ग लामबगड़ में बाधित रहा, जबकि नैनीताल में भू-स्खलन के कारण 32 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। शनिवार को भी उत्तराखंड में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। 15 सितंबर से आगे राज्य में बारिश में कमी आने के आसार हैं। देहरादून में 23 मिमी बारिश हुई। नैनीताल में जोरदार बारिश के चलते हुए भू-स्खलन से इसकी जद में आए 32 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। गढ़वाल मंडल में बदरीनाथ राजमार्ग लामबगड़ में बाधित हुआ, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हालांकि पंजाब व हरियाणा के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हुई किंतु दोनों ही राज्यों में तापमान सामान्य के आसपास ही रहा। हरियाणा में अधिकतम तापमान हिसार में 34.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया और अंबाला में अधिकतम तापमान 31.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। उधर पंजाब में अमृतसर और लुधियाना में हल्की बारिश हुई और यहां का अधिकतम तापमान क्रमश: 30.8 और 32 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।

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