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रेलवे बनाएगा पांच सौ मल्टी माडल टर्मिनल, इनके जरिये परिवहन लागत को कम करने में मिलेगी मदद

प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत भारतीय रेलवे अगले पांच वर्षो में पांच सौ मल्टी माडल टर्मिनल बनाएगा। इस योजना पर तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। ऐसे टर्मिनलों के माध्यम से लाजिस्टिक (परिवहन) लागत को कम करने में मदद मिलेगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 09:43 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 09:43 PM (IST)
रेलवे बनाएगा पांच सौ मल्टी माडल टर्मिनल, इनके जरिये परिवहन लागत को कम करने में मिलेगी मदद
पांच सौ मल्टी माडल टर्मिनल पर तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत भारतीय रेलवे अगले पांच वर्षो में पांच सौ मल्टी माडल टर्मिनल बनाएगा। इस योजना पर तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। ऐसे टर्मिनलों के माध्यम से लाजिस्टिक (परिवहन) लागत को कम करने में मदद मिलेगी। इसकी घोषणा करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सड़क से होने वाली हैवी कार्गो की ढुलाई को रेलवे तक लाना इसका लक्ष्य है। स्टील, कोयला, लाइम स्टोन, सीमेंट व बाक्साइट जैसी बड़ी जिंसों की ढुलाई को आसान बनाने में इससे सहायता मिलेगी।

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मल्टी माडल कनेक्टिविटी ही गतिशक्ति योजना का मूल मंत्र

वैष्णव ने कहा कि नए यात्री रेलवे स्टेशन भी ऐसे बनाए जाएंगे जो बस, मेट्रो व अन्य साधनों से जुड़े होंगे। मल्टी माडल कनेक्टिविटी ही गतिशक्ति योजना का मूल मंत्र है। गतिशक्ति योजना के इन मल्टी माडल टर्मिनल में सड़क, रेल, जलमार्ग, संचार और पावर के बीच समन्वय बनेगा। इसमें सबका योगदान रहेगा। एक सवाल के जवाब में वैष्णव ने कहा कि अगले तीन वर्षों के भीतर 200 टर्मिनल काम करना शुरू कर सकते हैं। इन्हें बनाने में प्रति टर्मिनल सौ करोड़ रुपये का खर्च आएगा। चयनित टर्मिनलों के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। इन्हें एयर कार्गों से रेल टर्मिनल तक जोड़ने के लिए डेडीकेटेड सड़क का निर्माण किया जाएगा।

वर्ष 2024-25 तक तैयार कर लिए जाएंगे चिह्नित टर्मिनल

रेल मंत्री कहा कि इससे रेलवे की ढुलाई को गति देने में मदद मिलेगी। भारत में फिलहाल कुल लाजिस्टिक लागत 13 फीसद है, जिसे घटाने की कोशिश की जाएगी। इसमें कटौती से विकास को गति मिलेगी। वर्ष 2024-25 तक चिह्नित टर्मिनल तैयार कर लिए जाएंगे। गतिशक्ति योजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए दैनिक आधार पर निगरानी की जाएगी। रेलवे के अलग से पार्सल कार्गो भी बनाए जाएंगे। इससे विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों के बीच कारगर समन्वय बनेगा।


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