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डीएफसी कार्यस्थलों पर श्रमिकों को वापस लाने को राज्यों से बात कर रहा रेलवे, सात हजार वापस आए

रेलवे अपनी सबसे बड़ी आधारभूत परियोजना समर्पित माल ढुलाई गलियारा (डीएफसी) के कार्यस्थलों पर श्रमिकों को वापस लाने के लिए राज्य सरकारों से बात कर रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 06:01 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:01 AM (IST)
डीएफसी कार्यस्थलों पर श्रमिकों को वापस लाने को राज्यों से बात कर रहा रेलवे, सात हजार वापस आए
डीएफसी कार्यस्थलों पर श्रमिकों को वापस लाने को राज्यों से बात कर रहा रेलवे, सात हजार वापस आए

नई दिल्ली, पीटीआइ। रेलवे अपनी सबसे बड़ी आधारभूत परियोजना समर्पित माल ढुलाई गलियारा (डीएफसी) के कार्यस्थलों पर श्रमिकों को वापस लाने के लिए राज्य सरकारों से बात कर रहा है। कोविड-19 के मद्देजर लागू लॉकडाउन के चलते कार्यबल 40 हजार से घटकर 15 हजार रह गया था। परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी 'द डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कार्पोरेशन लिमिटेड' (डीएफसीसीआइएल) अभी तक 7,000 श्रमिकों को वापस लाने में सफल रही है।

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इससे इसके कार्यस्थलों पर श्रमिकों की संख्या 15 हजार से बढ़कर 22 हजार हो गई है। डीएफसीसीआइएल इन श्रमिकों को बसों का इंतजाम कर और ट्रेनों के जरिये लाई है। साथ ही, एजेंसी ने श्रमिकों की वापसी सुविधाजनक बनाने के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजे और ठेकेदारों के लिए ई-पास के भी इंतजाम किए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि वापस आए 7,000 श्रमिकों में 3,250 अत्यंत कुशल हैं जिनकी जरूरत विद्युतीकरण, मास्ट कास्टिंग, पटरी के कार्य, अत्याधुनिक मशीनें चलाने के लिए है और ये कार्य स्थानीय श्रमिकों द्वारा नहीं किए जा सकते। अधिकारियों ने बताया कि लगभग 1,250 कुशल श्रमिक डीएफसी परियोजना की मुगलसराय इकाई में वापस आ गए हैं, 500 मुंबई की दो इकाइयों में, 300 जयपुर इकाई में, 400 नोएडा इकाई में और 800 अजमेर इकाई में आए हैं।

डीएफसीसीआइएल के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान ने बताया, अब हम विशेष ट्रेनों में बुकिंग या बसों से लगभग 20,000 और श्रमिकों की वापसी का प्रयास कर रहे हैं। हमारे कार्यस्थलों पर अब लगभग 22,000 श्रमिक हैं, लेकिन हमें पूरे कार्यबल को वापस लाने की आवश्यकता है। डीएफसी के पूर्वी गलियारे में पंजाब में लुधियाना से बंगाल के कोलकाता के पास दनकुनी को जोड़ने वाला 1,839 किलोमीटर लंबी माल ढुलाई मार्ग शामिल है तथा 1483 किलोमीटर लंबा पश्चिमी गलियारा राजधानी दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाला है।


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