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Indian Railways: रेलवे ने फर्जीवाड़े पर लगाया लगाम, यात्रियों को अब और मिल सकेंगे तत्काल टिकट

रेलवे ने तत्काल टिकट की राह में रोड़ा साबित हो रहे गैरकानूनी साफ्टवेयर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है और 60 एजेंट गिरफ्तार किए गए हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 08:26 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 12:09 AM (IST)
Indian Railways: रेलवे ने फर्जीवाड़े पर लगाया लगाम, यात्रियों को अब और मिल सकेंगे तत्काल टिकट
Indian Railways: रेलवे ने फर्जीवाड़े पर लगाया लगाम, यात्रियों को अब और मिल सकेंगे तत्काल टिकट

नई दिल्ली, प्रेट्र। अब यात्रियों के लिए और तत्काल टिकट उपलब्ध रह सकते हैं। रेलवे ने तत्काल टिकट की राह में रोड़ा साबित हो रहे गैरकानूनी साफ्टवेयर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है और 60 एजेंट गिरफ्तार किए गए हैं। ये एजेंट ही तत्काल टिकटों को ब्लॉक करने के लिए गैरकानूनी साफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

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रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि गैरकानूनी साफ्टवेयर उन्मूलन अभियान का मतलब यह है कि पहले की तुलना में अब यात्रियों के लिए और तत्काल टिकट उपलब्ध रह सकेंगे। पहले बुकिंग शुरू होने के एक या दो मिनट के भीतर ही किसी यात्री को तत्काल टिकट मिल पाता था।

कौन-कौन से साफ्टवेयर कर रहे थे गैरकानूनी काम

अधिकारी ने स्पष्ट किया कि एएनएमएस, एमएसी और जगुआर जैसे साफ्टवेयर टिकट बनाने के लिए आइआरसीटीसी के लॉगइन कैप्चा, बुकिंग कैप्चा और बैंक ओटीपी को बायपास कर सकते हैं। एक वास्तविक यूजर को इस पूरी प्रक्रिया से गुजरना होता है।

साफ्टवेयर के माध्यम से टिकट बुक करने में लगता है कम समय

सामान्य यूजर को बुकिंग प्रक्रिया में करीब 2.55 मिनट लगते हैं, लेकिन जो इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं वह 1.48 मिनट के आसपास में ही टिकट बना सकते हैं।

रेल एजेंटों को तत्काल टिकट बुक करने की इजाजत नहीं

रेलवे एजेंटों को तत्काल टिकट बुक करने की इजाजत नहीं देता है और पिछले दो महीनों में आरपीएफ ने करीब 60 गैरकानूनी एजेंटों को दबोचा है। ये एजेंट साफ्टवेयर के माध्यम से तत्काल टिकट बुक कर रहे थे जिससे दूसरों के लिए इन्हें (तत्काल टिकट) लेना असंभव साबित हो रहा था।

सभी सॉफ्टवेयर ब्लॉक किए गए

अरुण कुमार ने बताया कि आज मैं कह सकता हूं कि अवैध सॉफ्टवेयरों के जरिए एक भी टिकट नहीं बुक किया जा रहा है। हमने आईआरसीटीसी से जुड़े सभी मुद्दों को हल कर लिया है तथा उन लोगों को भी पकड़ लिया जो सॉफ्टवेयर के प्रमुख ऑपरेटर थे। कुमार ने कहा कि इन गिरफ्तारियों के साथ ही अधिकतर अवैध सॉफ्टवेयरों को ब्लॉक कर दिया गया है जो सालाना 50 करोड़ -100 करोड़ रुपये का कारोबार करते थे।


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