रेलवे ने पीपीई उत्पादन बढ़ाया, अधिकारी ने कहा- दिन में रिकार्ड संख्या में बनाई किट
मई के पहले दो दिनों के दौरान भारतीय रेलवे ने 6000 कॉवरआल तैयार किए और उत्तर रेलवे का इसमें 3000 का योगदान रहा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उत्तर रेलवे ने मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए रविवार तक 17000 पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) कॉवरआल तैयार किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक दिन में 2000 की रिकार्ड संख्या में उत्पादन किया गया है। पिछले महीने रेलवे ने कुल मिलाकर ऐसी 41000 यूनिटें तैयार की थीं। इसमें 12000 उत्तर रेलवे की थीं। उत्तर रेलवे के मुख्य यांत्रिक अभियंता अरुण अरोड़ा ने यह जानकारी दी।
मई के पहले दो दिनों के दौरान भारतीय रेलवे ने 6000 कॉवरआल तैयार किए और उत्तर रेलवे का इसमें 3000 का योगदान रहा। अनुमान है कि इस महीने उत्तर रेलवे वर्कशॉप डॉक्टरों और पैरामेडिकल को तत्काल आपूर्ति के लिए 30,000 से ज्यादा किट तैयार करने में सक्षम होगा। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोविड-19 से संघर्ष में अग्रिम पंक्ति में हैं।
अरोड़ा ने कहा कि उत्तर रेलवे द्वारा तैयार प्रति कॉवरआल की लागत 447 रुपये है जबकि बाजार में ऐसी किट का मूल्य 805 रुपये है। रेलवे ने 31 मई तक ऐसे एक लाख पीपीई कॉवरआल तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
रेलवे कारखानों में पर्सनल प्रोटेक्टिव ईक्विपमेंट (पीपीई), मास्क व सैनिटाइजर बनाया जा रहा है जिससे कि कोरोना संक्रमितों के इलाज, क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों की देखभाल व अन्य जरूरी सेवा में लगे लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।
उत्तर रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे अस्पतालों में डॉक्टर, अन्य स्वास्थ्य कर्मी और सफाई कर्मी मरीजों की सेवा व साफ सफाई के काम में लगे हुए हैं। रेलवे अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने के साथ ही कई स्थानों पर रेल परिसरों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। यहां तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी।