खराब प्रदर्शन के आरोप में रेलवे ने जबरन रिटायर किए 32 अफसर, कई और पर लटकी तलवार
इससे पहले 2016-17 में रेलवे में इस तरह से चार अफसर समय से पहले रिटायर किए गए थे। उस समय 1824 अफसरों की समीक्षा की गई थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खराब प्रदर्शन एवं कदाचार के आरोप में रेलवे बोर्ड ने अपने 32 अफसरों व कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। निकट भविष्य में रेलवे के कई अन्य अकुशल अथवा भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टी संभव है।
इनमें सीनियर ग्रेड के डायरेक्टर तथा उससे ऊपर रैंक के 22 अफसर शामिल हैं। बाकी दस अफसरों व कर्मचारियों का संबंध रेलवे सेक्रेट्रिएट सर्विस, रेलवे स्टेनोग्राफर सर्विस से है।
सरकार को है अकुशलता के आधार पर अफसरों को जबरन रिटायर करने का अधिकार
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के नियमों के अनुसार सरकार को रेलवे में असंतोषजनक कार्यप्रदर्शन, अकुशलता अथवा कदाचार के आधार पर डायरेक्टर रैंक से ऊपर के अफसरों को 50 वर्ष की सेवा के बाद, जबकि उससे नीचे रैंक के अफसरों व कर्मचारियों को 55 वर्ष की सेवा के बाद जबरन रिटायर करने का अधिकार है।
जोनल रेलों में भी अकर्मण्य अफसरों की सूची तैयार की जा रही है
रेलवे बोर्ड के अलावा जोनल रेलों में भी अकर्मण्य व भ्रष्ट अफसरों व कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है। इनमें जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव एवं नॉन एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड के अफसर तथा उससे नीचे के कर्मचारी शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार ये कवायद कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के निर्देशों के तहत की जा रही है। विभाग ने सभी मंत्रालयों से अकुशल व भ्रष्ट अफसरों व कर्मचारियों की पहचान करने को कहा है।
1410 अफसरों के कार्यप्रदर्शन को कमतर पाया गया
तदनुसार रेलवे बोर्ड ने सीनियर तथा उससे ऊपर के ग्रेड के 1410 अफसरों के कार्यप्रदर्शन को कमतर पाया और उनमें सबसे खराब प्रदर्शन वाले 22 अफसरों को समय से पहले रिटायर करने का फैसला किया है। इसके अलावा इससे निचले ग्रेड तथा ग्रुप सी व डी के 370 अफसरों व कर्मचारियों की पहचान कर उनमें से 10 को जबरन रिटायर करने का निर्णय लिया गया।
इससे पहले 2016-17 में रेलवे में इस तरह से चार अफसर समय से पहले रिटायर किए गए थे। उस समय 1824 अफसरों की समीक्षा की गई थी।