पीएम की सलाह पर फिलहाल 90 स्टेशनों के विकास पर फोकस करेगा रेलवे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर रेलवे अब इसी माडल पर काम करेगा ताकि एक निश्चित समय सीमा के भीतर उनका पुनर्विकास हो।
संजय सिंह, नई दिल्ली। योजना तो थी 600 रेलवे स्टेशनों को चमकाने की लेकिन अब चुनिंदा 90 स्टेशनों पर ध्यान केंद्रित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर रेलवे अब इसी माडल पर काम करेगा ताकि एक निश्चित समय सीमा के भीतर उनका पुनर्विकास हो। इनमें भी 22 स्टेशनों का पुनर्विकास का काम तत्काल शुरू होगा जो 2019 चुनाव से पहले सरकार की सोच का आइना बन सके।
प्रधानमंत्री की इच्छा को देखते हुए रेलवे ने सबसे पहले अयोध्या, वाराणसी, काशी, चारबाग, गोमतीनगर, आनंद विहार, सराय रोहिल्ला और बिजवासन स्टेशनों का पुनर्विकास करने का निर्णय लिया है। इसके बाद इलाहाबाद, गोरखपुर, मोतीहारी और झांसी समेत 9 स्टेशनों की बारी आएगी। इन सबके ठेके इसी वर्ष या अगले वर्ष की शुरुआत तक दे दिए जाएंगे। इसके लिए रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन बाजार से धनराशि जुटाएगा। एक स्टेशन एक ही एजेंसी के जिम्मे होगा, ताकि डिजाइन व सुविधाओं में एकरूपता रहे।
स्टेशनों के विकास के लिए रेल मंत्रालय रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन को शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराएगा। बदले में वो हर स्टेशन के लिए विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) का गठन करेगा। यह कंपनी विकसित स्टेशन के मौद्रीकरण के जरिए अन्य स्टेशनों के विकास के लिए धनराशि एकत्र करेगी। योजना को कामयाब बनाने के लिए सरकार निजी कंपनियों को 45 वर्ष के बजाय 99 वर्ष की लीज पर जमीन उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। जहां रेलवे की जमीन कम पड़ेगी वहां केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकारें फ्रीहोल्ड जमीन उपलब्ध कराएंगी। कुछ स्टेशनों का विकास अब बीओटी (बिल्ड, आपरेट एंड ट्रांसफर) के बजाय ईपीसी (इंजीयरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) आधार पर किया जाएगा, जिसमें निर्माण की पूरी लागत रेलवे वहन करेगी।
गोमतीनगर व चारबाग (लखनऊ ) : आरएलडीए/एनबीसीसी को जिम्मा। टेंडर 10 अप्रैल को खुला। सात कंपनियों ने बोली लगाई
दिल्ली व सराय रोहिल्ला : आरएलडीए/एनबीसीसी इनका दो चरणों में विकास करेंगे। पहला मार्च, 2019 में व दूसरा जून, 2020 में पूरा होगा। इनकी डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। टेंडर जून क तक निकलने की संभावना।
आनंद विहार, बिजवासन व चंडीगढ़ : आइआरएसडीसी/आरएलडीए के जिम्मे। इनका टेंडर 15 मार्च को निकाला गया था। अब 4 मई को इसे खोला जाएगा।
काशी : इसका विकास इंटर मॉडल स्टेशन के तौर पर विशेष तौर पर एनएचएआइ करेगा। डीपीआर तैयार हो रही है।
वाराणसी : राइट्स द्वारा प्लेटफार्म तथा बाहरी हिस्से के विकास की प्रक्रिया जारी है। फुट ओवरब्रिज का ठेका दिया जा चुका है। लिफ्ट, एस्केलेटर के टेंडर देने की प्रक्रिया चालू है।
अयोध्या : इसके विकास की जिम्मेदारी भी राइट्स को सौंपी गई है। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा 20 फरवरी को इसका शिलान्यास कर चुके हैं। फिलहाल प्लेटफार्म सुधार का कार्य जारी है।