Indian Railways: ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर रेलवे का फोकस, होने जा रहा बड़ा बदलाव
रेलवे द्वारा पीआरएस के कार्यो को आइअरसीटीसी को ट्रांसफर करने तथा क्रिस के कुछ स्टाफ को भी आइआरसीटीसी में स्थानांतरित करने की बात कही गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) में आपसी टकराव को रोकने के लिए रेल मंत्रालय ने इसे पूरी तरह आइआरसीटीसी के हवाले करने का प्रस्ताव किया है। अभी पीआरएस का केवल ऑनलाइन संस्करण ही आइआरसीटीसी के पास है। जबकि विंडो अथवा काउंटर बुकिंग सेंटर फार रेलवे इंफारमेशन सिस्टम्स (क्रिस) के पास है। अब ये दोनो आइआरसीटीसी के पास होंगे।
इस संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से क्रिस के प्रबंध निदेशक (एमडी) तथा आइआरसीटीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) परिपत्र जारी किया गया है। ट्रांसफारमेशन डायरेक्ट्रेट की ओर से जारी इस परिपत्र में न्यू एज टिकटिंग सिस्टम को पूरी तरह अपनाए जाने के लिए पीआरएस के कार्यो को आइअरसीटीसी को ट्रांसफर करने तथा क्रिस के कुछ स्टाफ को भी आइआरसीटीसी में स्थानांतरित करने की बात कही गई है। परिपत्र में ये प्रक्रिया किस प्रकार संपन्न की जाएगी इसका ब्यौरा देते हुए क्रिस तथा आइआरसीटीसी से अपनी टिप्पणियां भेजने को कहा गया है।
... तो विंडो टिकट की बुकिंग बंद हो जाएगी
सूत्रों के अनुसार पीआरएस को पूरी तरह आइआरसीटीसी के हवाले करने के पीछे ऑनलाइन बुकिंग को बढ़ावा देना तथा विंडो टिकटों को सीमित करने और अंतत: पूरी तरह समाप्त करने का मकसद है। इससे पीआरएस में लगने वाले हजारों कर्मचारियों की जरूरत समाप्त होगी और उन्हें अन्य अपेक्षाकृत ज्यादा जरूरी कार्यो में लगाया जा सकेगा। रेलवे के आधिकारिक पीआरएस काउंटरों की संख्या कम होने तथा प्राइवेट एजेंटों की नियुक्ति के साथ ये प्रक्रिया पहले ही प्रारंभ हो चुकी है। निगमीकरण के तहत पीआरएस का पूरा जिम्मा आइआरसीटीसी को मिलने पर अब उसके कर्मचारी आधिकारिक काउंटरों को संभालेंगे।
रोजाना 12 लाख से अधिक टिकटों की बुकिंग
क्रिस द्वारा तैयार पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम अर्थात पीआरएस के तहत रोजाना 12 लाख से अधिक टिकटों की बुकिंग होती है। इनमें 68 फीसद टिकट आइआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन बुक किए जाते हैं। जबकि शेष 32 फीसद टिकट विंडों या काउंटरों के मार्फत खरीदे जाते हैं, जिनका संचालन सीधे रेलवे द्वारा किया जाता है। इस समय देश में 3400 स्थानों पर 13 हजार से ज्यादा पीआरएस काउंटर हैं।
काउंटर से 3 गुना ज्यादा अॉनलाइन बुकिंग
वर्ष 2018-19 के दौरान रोजाना तकरीबन 8 लाख टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के जरिए लगभग 14 लाख यात्रियों ने ट्रेन से यात्रा का इंतजाम किया। इसके मुकाबले विंडो या काउंटर से केवल 3 लाख टिकट ही लिए गए। ये टिकट 6.5 लाख लोगों की यात्रा के लिए खरीदे गए गए थे।