रेल मंत्री की बड़ी घोषणा, दिल्ली से एमपी के खजुराहो के बीच जल्द चलेगी वंदे भारत ट्रेन
वैष्णव ने यह भी बताया कि एक स्टेशन एक उत्पाद योजना का भी विस्तार किया जा रहा है ताकि स्टेशनों के माध्यम से स्थानीय स्तर के उत्पादों को बाजार में उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 1 हजार स्टेशनों को शामिल किया जाएगा।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को बड़ी घोषणा की। मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो पहुंचकर उन्होंने यहां रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी ने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले और दिल्ली के खजुराहो के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के संचालन की घोषणा की है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के अपने दौरे के दौरान मंत्री ने कहा कि छतरपुर और खजुराहो में दो रेक प्वाइंट स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि रेल टिकट लेने में आसानी होगी। अब टिकट 45 हजार डाकघरों से प्राप्त किए जा सकते हैं।
उन्होंने रामायण एक्सप्रेस जैसी भारत गौरव ट्रेनों के संचालन का उल्लेख करते हुए कहा, 'जल्द ही महत्वपूर्ण स्थानों पर रेल ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज (आरओबी/आरयूबी) का निर्माण किया जाएगा, जिसका विद्युतीकरण अगस्त तक पूरा किया जाना है।
उन्होंने आगे कहा, 'उस समय तक, वंदे भारत भी शुरू हो जाएगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का दृष्टिकोण लोगों की सेवा करना है और क्षेत्र का विकास करते हुए भावना का पालन करना है।' इसके अलावा, मंत्री वैष्णव ने खजुराहो स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए उसके पुनर्विकास की भी जानकारी दी।
रेल मंत्री वैष्णव ने बुंदेलखंड क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम योजना में किए गए कार्यों की भी समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर क्षेत्र की विकास परियोजनाओं का वहां पहुंचकर जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा वीरेंद्र कुमार समेत कई अन्य जनप्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहे।
रेल मंत्री ने लोगों को किया प्रोत्साहित
मंत्री वैष्णव ने स्थानीय प्रशासन और रेलवे के साथ मिलकर किसानों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगाना चाहिए, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
मंत्री ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत बुंदेलखंड से होनी है, जिसके लिए जल्द ही जमीन की पहचान की जाएगी। इस परियोजना के लिए किसान मोर्चा, रेलवे और जिला प्रशासन एक साथ मिलकर स्थान की पहचान करेंगे।