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भांजे के खिलाफ गवाह बनेंगे बंसल

रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने रिश्वत कांड का ठीकरा अपने भांजे पर ही फोड़ दिया है। सीबीआइ की ओर से बतौर गवाह बुलाए गए बंसल ने पूछताछ के दौरान साफ कर दिया कि महेश कुमार को रेलवे बोर्ड सदस्य [कार्मिक] बनाने में नियमों की अवहेलना नहीं की गई थी। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की गई। कुमार को सदस्य इलेक्ट्रिकल बनाने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई थी।

By Edited By: Published: Tue, 04 Jun 2013 09:34 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2013 10:59 PM (IST)
भांजे के खिलाफ गवाह बनेंगे बंसल

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। रेलवे घूसकांड में पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने रिश्वत कांड का ठीकरा अपने भांजे पर ही फोड़ दिया है। सीबीआइ की ओर से बतौर गवाह बुलाए गए बंसल ने पूछताछ के दौरान साफ कर दिया कि महेश कुमार को रेलवे बोर्ड सदस्य [कार्मिक] बनाने में नियमों की अवहेलना नहीं की गई थी। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की गई। कुमार को सदस्य इलेक्ट्रिकल बनाने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई थी।

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उन्होंने इस काम के लिए अपने भांजे विजय सिंगला द्वारा ली गई 90 लाख रुपये की रिश्वत से भी अपना पल्ला झाड़ लिया। उनका कहना था कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

सीबीआइ के स्पेशल यूनिट में मंगलवार लगभग तीन घंटे चली पूछताछ के दौरान जांच अधिकारी ने बंसल से भांजे के साथ संबंधों को लेकर सबसे ज्यादा सवाल किए। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दोहराया कि बंसल के खिलाफ जांच एजेंसी के पास ठोस सुबूत नहीं है। हालांकि, अन्य आरोपियों के खिलाफ निर्धारित समय से पहले ही चार्जशीट दाखिल हो जाएगी। बंसल के खिलाफ ठोस सुबूत न होने की दलीलें दिए जाने से यह साफ है कि इस रिश्वत कांड में पूर्व रेल मंत्री के खिलाफ मुकदमा नहीं चलेगा। वैसे भी सीबीआइ की ओर से बंसल को भेजे गए नोटिस में उन्हें गवाह के तौर पर पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

पूछताछ के दौरान सीबीआइ यह जानना चाहती थी कि आखिर सिंगला पूरे दिन उनके घर या दफ्तर में किस हैसियत से मौजूद रहता था। इन जगहों पर उसके इस तरह के व्यवहार के बारे में उन्हें कभी आशंका हुई या नहीं। इस बारे में बंसल का कहना था कि वह उनके कार्यालय में सिर्फ भांजे के रूप में ही आता था। बाकी उसकी हरकत के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।

तथ्य यह है कि पवन बंसल के घर पर उनके भांजे सिंगला को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था। इससे उठे राजनीतिक बवंडर के दबाव में बंसल को रेल मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस पूरे मामले में महेश कुमार और विजय सिंगला समेत सीबीआइ 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में रेल बंसल और महेश कुमार की 16 अप्रैल को मुंबई में मुलाकात के दौरान ही नई नियुक्ति होना पक्का हो गया था। पूछताछ में बंसल से टेलीफोन पर हुई वार्ता के कुछ अंश भी सुनाए गए, जो महेश कुमार और सिंगला के बीच हुई थी।

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