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पवन बंसल के भांजे ने ली 90 लाख की घूस, सीबीआई ने धर दबोचा

भ्रष्टाचार को लेकर पहले से ही बुरी तरह हलकान मनमोहन सरकार के सिर एक और आफत टूट पड़ी है। यह आफत है रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे विजय कुमार सिंगला की गिरफ्तारी। सिंगला को सीबीआइ ने नब्बे लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रकम उन्हें बतौर रिश्वत दो दिन पहले ही रेलवे बोर्ड के सदस्य बनाए गए महेश कुमार ने भिजवाई थी। सीबीआइ ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही संसद न चलने के आस

By Edited By: Published: Fri, 03 May 2013 10:56 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2013 09:49 AM (IST)
पवन बंसल के भांजे ने ली 90 लाख की घूस, सीबीआई ने धर दबोचा

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। भ्रष्टाचार को लेकर पहले से ही बुरी तरह हलकान मनमोहन सरकार के सिर एक और आफत टूट पड़ी है। यह आफत है रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे विजय कुमार सिंगला की गिरफ्तारी। सिंगला को सीबीआइ ने नब्बे लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रकम उन्हें बतौर रिश्वत दो दिन पहले ही रेलवे बोर्ड के सदस्य बनाए गए महेश कुमार ने भिजवाई थी। सीबीआइ ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही संसद न चलने के आसार और बढ़ गए हैं, क्योंकि अब प्रधानमंत्री और अश्विनी कुमार के साथ-साथ पवन बंसल भी विपक्ष के निशाने पर होंगे।

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सीबीआइ ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे विजय कुमार सिंगला को संदीप गोयल और मंजूनाथ नाम के दो मध्यस्थों के साथ गिरफ्तार किया। सिंगला का कहना है कि यह रिश्वत हाल में रेलवे के महाप्रबंधक से मेंबर [स्टाफ] नियुक्त किए गए महेश कुमार की ओर से पहुंचाई गई थी। माना जा रहा है कि उनकी निगाह रेलवे बोर्ड के मेंबर [इलेक्ट्रिकल] पर थी। दिल्ली से मुंबई पहुंचते ही महेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया। वह मध्य रेलवे मुंबई में महाप्रबंधक थे। एक दिन पहले ही उन्होंने रेलवे बोर्ड में मेंबर स्टाफ का पदभार ग्रहण किया था।

सूत्रों के अनुसार, सिंगला ने सीबीआइ को बताया है कि महेश कुमार ने 90 लाख रुपये की पहली किस्त दो करोड़ रुपये की उस रिश्वत की एवज में भेजी थी, जिसे देने का वादा उन्हें मेंबर स्टाफ बनाने के बदले किया गया था।

विजय सिंगला, संदीप गोयल और मंजूनाथ से पूछताछ की जा रही है। रेलवे बोर्ड में एक दूसरे विभाग से जुड़े सदस्य के यहां भी छापों की जानकारी मिली है। बताया जाता है कि छापों का सिलसिला चंडीगढ़, दिल्ली और मुंबई में चल रहा है। हालांकि सीबीआइ अभी ज्यादा कुछ बोलने से परहेज कर रही है। जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। इस संबंध में रेल मंत्री की तरफ से तत्काल कोई बयान सामने नहीं आया है। पवन बंसल का निजी स्टाफ और रेल मंत्रालय के उच्चाधिकारी भी इस पर कुछ बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन भाजपा ने रेल मंत्री से तत्काल इस्तीफे की मांग कर दी है। पार्टी का आरोप है कि घूस मंत्री की शह पर ली गई।

बंसल चंडीगढ़ से सांसद हैं। पिछले काफी दिनों से इस बात की चर्चाएं आम थीं कि उनके कुछ करीबी रेलवे में ट्रांसफर-पोस्टिंग तथा रेलवे के अन्य कार्य कराने के लिए पैसों के लेनदेन में लिप्त हैं। शुक्रवार को सीबीआइ की कार्रवाई से इन चर्चाओं को बल मिला है। इसी के साथ संप्रग सरकार की घोटालों और भ्रष्टाचार से जुड़ी कारगुजारियों में एक और इजाफा हो गया है।

यह पहला मौका है जब रेलवे बोर्ड में इतने शीर्ष स्तर पर ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए रिश्वत लिए-दिए जाने का खुलासा हुआ है। इससे पहले रेलवे में भर्ती घोटाला चर्चा में रहा है। तीन साल पहले मुंबई में ही रेलवे भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक हुए थे। इससे पहले रेलवे भर्ती के एवज में किसानों की जमीनें लिए जाने के मामले सामने आ चुके हैं।

सीपी जोशी को पछाड़कर रेल मंत्री बने थे बंसल

नई दिल्ली। ममता बनर्जी के संप्रग सरकार से अलग होने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के मुकुल रॉय के रेल मंत्री पद से हटने के तत्काल बाद सीपी जोशी को अतिरिक्त प्रभार के रूप में रेल मंत्रालय मिला था। उन्होंने करीब 15 दिन बतौर रेल मंत्री काम संभाला भी था। वह जब इसके प्रति आश्वस्त थे कि अब रेल मंत्रालय उन्हें ही संभालना है तब यकायक पवन बंसल को रेल मंत्री बनाने की घोषणा कर दी गई। इससे सीपी जोशी चकित भी हुए थे और नाराज भी। उन्होंने अपने करीबियों से नाराजगी जाहिर भी की थी।

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