रेल अंतरिम बजट आज, मिल सकता है नई ट्रेनों का तोहफा
अरसे बाद दक्षिण भारत से रेल मंत्री बने मल्लिकार्जुन खड़गे जब बुधवार को अपना पहला मगर अंतरिम रेल बजट पेश करेंगे तो उन पर अपने क्षेत्र के साथ पूरे देश की चुनावी उम्मीदों का दबाव होगा। मात्र चार महीने के खर्च के लिए पेश होने वाले इस लेखानुदान में बुनियादी ढांचे से जुड़ी बड़ी घोषणाओं की संभावना नहीं है। मगर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अरसे बाद दक्षिण भारत से रेल मंत्री बने मल्लिकार्जुन खड़गे जब बुधवार को अपना पहला मगर अंतरिम रेल बजट पेश करेंगे तो उन पर अपने क्षेत्र के साथ पूरे देश की चुनावी उम्मीदों का दबाव होगा। मात्र चार महीने के खर्च के लिए पेश होने वाले इस लेखानुदान में बुनियादी ढांचे से जुड़ी बड़ी घोषणाओं की संभावना नहीं है। मगर यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं और रेलकर्मियों को प्रोत्साहन वाले छिटपुट एलान अवश्य हो सकते हैं।
रेलवे की माली हालत को देखते हुए रेल मंत्री वित्तीय बोझ बढ़ाने वाली योजनाओं से बचने की कोशिश करेंगे। मगर मौजूदा कमाई में जितना कुछ संभव है उसे छोड़ना भी नहीं चाहेंगे। प्रीमियम ट्रेनों का खाका इसी लिहाज से तैयार किया गया है। यात्री सेवाओं में हो रहे 4,000 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई इसके जरिये की जा सकती है। दिल्ली-मुंबई पायलट प्रोजेक्ट की कामयाबी के बाद प्रीमियम ट्रेनों के लिए 20 नए रूटों की पहचान कर ली गई है। इनमें से कुछ या सभी ट्रेनों का एलान खड़गे कर सकते हैं। सामान्य ट्रेनों के मुकाबले प्रीमियम ट्रेनों से रेलवे को 40 फीसद अधिक राजस्व प्राप्त हो सकता है। इस अतिरिक्त कमाई का एक हिस्सा निचले दरजे के यात्रियों को सब्सिडी के तौर पर देने और डीजल की बढ़ी कीमतों को वहन करने में इस्तेमाल होगा।
डीजल की बढ़ती कीमतें रेलवे की लागत बढ़ा रही है। इसकी भरपाई के लिए ईंधन समायोजन घटक का एलान पवन बंसल ने पिछले रेल बजट में किया था। अक्टूबर 2013 में इसके आधार पर किराये-भाड़े बढ़ाए जा चुके हैं। डीजल के दाम बढ़ने पर अप्रैल में फिर किराये-भाड़े बढ़ाने का दबाव होगा। मगर खड़गे इस झंझट को अगली सरकार पर छोड़ना पसंद करेंगे। ऐसे में संप्रग सरकार की दस साला उपलब्धियों का बखान अंतरिम रेल बजट में न हो, यह संभव नहीं है। लिहाजा खड़गे बता सकते हैं कि किस तरह जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने के काम को लगभग मुकाम पर पहुंचा दिया गया है। जम्मू से कटरा रेल लाईन का प्रधानमंत्री जल्द उद्घाटन करेंगे। हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन बन गया है और मुंबई-अहमदाबाद रूट पर सर्वे के बाद जल्द काम शुरू होगा। वहीं, दिल्ली-लखनऊ-वाराणसी-पटना जैसे अन्य हाईस्पीड रूट का अध्ययन शुरू कराया जाएगा।
जून में डेडीकेटेड फेट्र कॉरीडोर का एक खंड चालू हो सकता है। रेल मंत्री कर्नाटक से हैं, इसलिए वहां की रेल परियोजनाओं की प्रगति का ब्योैरा तो देना ही चाहेंगे। साथ ही कुछ नई सुविधाओं का एलान करने से शायद ही चूकेंगे। उनके संसदीय क्षेत्र गुलबर्गा में नए डिवीजन की मांग अरसे से हो रही है।
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