रेल किराए पर शिव सेना के अलग-अलग तेवर, सरकार की मुश्किल बरकरार
रेल किराए में बढ़ोतरी के विरोध के मुद्दे को लेकर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे आज पलटी मार गए। उन्होंने कहा कि रेल किराया बढ़ाया जाना जरूरी था। आपको बता दें कि रेल किराए में बढ़ोतरी को लेकर विरोधियों के साथ गठबंधन में शामिल पार्टी के विरोध करने पर मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ रही थी। इस मुद्दे पर पहले से विपक्ष के निशाने पर रही मोदी सरकार
नई दिल्ली। रेल किराए में बढ़ोतरी के विरोध के मुद्दे को लेकर शिवसेना के अलग-अलग तेवर सामने आ रहे हैं। पहले सामना में इसका सीधे तौर पर विरोध किया गया फिर अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को अपना बयान पलट दिया। अभी इस पर बहस चल ही रही थी कि पार्टी के नेता संजय राउत ने साफ कहा कि मोदी सरकार को इस बारे में पूरी सफाई देनी होगी। साथ ही यह भी कहा गया है कि शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस मसले को लेकर केंद्र सरकार के संपर्क में हैं। उल्लेखनीय है कि मुंबई में लाखों लोग उपनगरीय ट्रेनों की सवारी करते हैं। ऐसे में रेल किराए में वृद्धि मुंबई के लिए बड़ा मुद्दा हो सकती है। इस बीच विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को बिना टिकट यात्रा कर किराया वृद्धि पर विरोध जताया।
आपको बता दें कि रेल किराए में बढ़ोतरी को लेकर विरोधियों के साथ गठबंधन में शामिल पार्टी के विरोध करने पर मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मुद्दे पर पहले से विपक्ष के निशाने पर रही मोदी सरकार का विरोध उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी कर दिया है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहले कहा था कि शिवसेना के सांसद सरकार के इस फैसले का विरोध करेंगे। उनका कहना था कि इस तरह के फैसलों से लोगों पर बोझ डालना ठीक नहीं है।
उद्धव ने कहा कि वह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में मुलाकात करेंगे और बढ़ा किराया अगर वापस नहीं होता है, तो उसे घटाने की अपील करेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार ऐसी हालत में लोगों की जेब से पैसा क्यों निकालना चाहती है, जब उनकी जेब में कुछ बचा ही नहीं है। उनका सुझाव है कि पहले सरकार को रेलवे में बेहतर सुविधाएं देने पर अपना ध्यान लगाना चाहिए।
20 जून को केंद्र सरकार ने रेलवे के यात्री किराए और माल भाड़े में भारी बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था। यात्री किराये में 14.2 फीसद और माल भाड़े में 6.5 फीसद बढ़ोतरी का ऐलान किया गया। यह बढ़ा किराया 25 जून से प्रभावी होना है।
गौरतलब है कि रेल किराए में बढ़ोतरी के फैसले के बाद से ही पूरे देश में राजग सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्यों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे दल लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।