अमेठी में 'मौन संवाद' करते दिखे राहुल और प्रियंका
अमेठी [चिंतामणि मिश्र]। समय का तकाजा था या फिर देश भर में बदला सियासी माहौल। कल का एंग्रीयंग मैन आज बिल्कुल शांत था। लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद पहली बार अपने गढ़ में बहन प्रियंका वाड्रा के साथ पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के तेवर काफी नरम दिखे। राहुल के लफ्ज तो निकल रहे थे लेकिन उससे कहीं ज्यादा संवाद
अमेठी [चिंतामणि मिश्र]। समय का तकाजा था या फिर देश भर में बदला सियासी माहौल। कल का एंग्रीयंग मैन आज बिल्कुल शांत था। लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद पहली बार अपने गढ़ में बहन प्रियंका वाड्रा के साथ पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के तेवर काफी नरम दिखे। राहुल के लफ्ज तो निकल रहे थे लेकिन उससे कहीं ज्यादा संवाद उनकी बॉडी लैंग्वेज कर रही थी।
एक दिवसीय दौरे पर आए राहुल प्रियंका का फुर्सतगंज एयरपोर्ट पर उतरने के बाद जगह-जगह पर स्वागत किया गया। लेकिन यह स्वागत उत्साह में ज्यादा विश्वास में कम दिखा। दोपहर राहुल व प्रियंका जामो विकास क्षेत्र के पूरे निधान कुंवर गांव पहुंचे। इस गांव में सोमवार को अग्निकांड की घटना में लगभग 60 घर जलकर खाक हो गए थे। गांव में राहुल ने हालात का जायजा लेना शुरू कर दिया। 40 डिग्री से ऊपर तापमान में राहुल पूरे गांव में घूमे। एक-एक व्यक्ति से हाल-चाल लिया। शायद अमेठी सांसद यहां कार्यकर्ताओं को जमीन से जुड़ने का सबक दे रहे थे। तेज गर्मी की वजह से प्रियंका का बुरा हाल था और वे कई बार राहुल के लोगों से बातचीत के क्रम में विचलित होती भी दिखी। लेकिन राहुल का संवाद वैसे ही बना रहा। हर दरवाजे पर जाकर राहुल ने सवाल पूछे, नुकसान के बाबत बात की, आग लगने के कारणों को जानने की कोशिश की। राहुल को साथ पाकर गांव के छोटेलाल भावुक हो उठे। कहा, भैया सबकुछ जल गया। भावनाओं ने तार छेड़े तो राहुल का कंठ भी रुंध गया। 45 मिनट के पड़ाव में राहुल कहीं भी आक्रामक नहीं दिखे। ऐसा लग रहा था जैसे नाकामयाबी ने उन्हें जड़ कर दिया है। उनके चेहरे पर मुस्कान जरूर थी, लेकिन उसमें चिर परिचित ताजगी नहीं थी।