अमेठी में बेटा-बहू और विश्वास में जंग
देश के हाईप्रोफाइल क्षेत्रों में शुमार अमेठी संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी की घोषणा और सपा की न के बाद यहां की सियासी तस्वीर साफ हो गई है। सियासी कुरुक्षेत्र के फाइनल मुकाबले में यहां बिजली, पानी, सड़क व शिक्षा के मुद्दे ग्लैमर की भीड़ में कहीं पीछे छूट गए हैं। अमेठी में मुकाबला गांधी परिवार के बेटे राहुल, टीवी सी
अमेठी। देश के हाईप्रोफाइल क्षेत्रों में शुमार अमेठी संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी की घोषणा और सपा की न के बाद यहां की सियासी तस्वीर साफ हो गई है। सियासी कुरुक्षेत्र के फाइनल मुकाबले में यहां बिजली, पानी, सड़क व शिक्षा के मुद्दे ग्लैमर की भीड़ में कहीं पीछे छूट गए हैं।
अमेठी में मुकाबला गांधी परिवार के बेटे राहुल, टीवी सीरियल की बहू स्मृति ईरानी और 'आप' के कुमार विश्वास के साथ ही बसपा के बीच होना तय हो गया है। असल मुद्दों की बात तो सभी कर रहे हैं, लेकिन फोकस ग्लैमर पर है। अगर अमेठी की राहुल गांधी के परिवार से पहचान है तो भाजपा की स्मृति ईरानी भी सास भी कभी बहू थी, की 'तुलसी' के रूप में घर-घर पहचान रखती हैं।
विश्वास की कविता भी किसी परिचय की मोहताज नहीं है। राहुल का हमेशा से आधी आबादी पर फोकस रहा है और अब उसी का प्रतिनिधित्व करने वाली स्मृति ईरानी भी लोगों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष तीसरी बार भावनात्मक रिश्तों के सहारे अपने ही पुराने रिकार्डो को तोड़ने की फिराक में हैं। 'आप' के कुमार भी प्रेम के महाकवि मलिक मोहम्मद जायसी की जन्म व कर्मस्थली में अपनी 'कविता' के साथ विश्वास जीतने की फिराक में पिछले दो माह से कांग्रेस पर हमला बोल रहे हैं।
बसपा प्रत्याशी डा. धर्मेद्र सिंह पार्टी की थाती को लेकर खासे उत्साहित हैं और मुकाबले को चतुष्कोणीय बना रहे हैं। जैसे जैसे चुनाव प्रचार गति पकड़ रहा है, स्थानीय मुद्दे भी चर्चा से ठीक उसी गति से दूर हो रहे हैं। अब तो मुख्य मार्ग का चौराहा हो या गली का नुक्कड़, हर जगह बेटे, बहू और विश्वास की ही बात है।
पढ़ें: सोनिया के सामने होंगी उमा तो राहुल को चुनौती देंगी स्मृति!
पढ़ें: अमेठी से परिवारवाद का खात्मा करेंगी स्मृति ईरानी, राहुल को ललकारा