पटेल के घर आकर भी उनपर लग रहे आरोपों से किनारा कर गए राहुल
राहुल गांधी द्वारा अहमद पटेल के चर्चित मुद्दे पर चुप्पी साध लेने पर स्थानीय कांग्रेस नेता कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
अंकलेश्र्वर, ओमप्रकाश तिवारी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को अंकलेश्र्वर पहुंचे तो यह लोगों की नजरें इस पर थीं कि शायद वह पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल पर लग रहे आरोपों पर जवाब देंगे। लेकिन वह टाल गए। गुजरात में उनके तीन दिवसीय दौरे का बुधवार को पहला दिन था। राहुल की इस चुप्पी पर गुजरात भाजपा ने तीखी प्रतिक्ति्रया व्यक्त की है।
तीन चार दिन पहले ही खुद मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने अंकलेश्र्वर स्थित अस्पताल में काम करने वाले आतंकी का मुद्दा उठाकर अहमद पटेल पर सवाल खड़ा किया था। राहुल गांधी की सभा उस सरदार पटेल हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट से सिर्फ एक किलोमीटर दूर हो रही थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल इस अस्पताल के ट्रस्टी रहे हैं। अंकलेश्र्वर अहमद पटेल का गृह क्षेत्र भी है।
इसी अंकलेश्र्वर के वालिया चौकड़ी मैदान में राहुल गांधी की युवा रोजगार, खेड़ूत अधिकार नवसृजन यात्रा की एक सभा का आयोजन किया गया था। माना जा रहा था कि इस सभा में राहुल गांधी कांग्रेस के एक वरिष्ठ सिपहसालार पर लग रहे आरोपों पर कुछ न कुछ सफाई अवश्य देंगे। लेकिन वह इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से कतरा गए।
यहां तक कि राहुल गांधी एक दिन पहले ही विश्र्व बैंक द्वारा जारी की गई 'डूइंग बिजनेस 2018' रिपोर्ट से भी किनारा करते नजर आए, जिसमें विश्र्व बैंक ने भारत को इस साल सबसे ज्यादा आर्थिक सुधार करनेवाले दुनिया के 10 शीर्ष देशों की सूची में शामिल किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार कारोबारी सुगमता में भारत पहली बार दुनिया के शीर्ष 100 देशों की सूची में आ गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इस रिपोर्ट को नजरंदाज करते हुए कहा कि किसी विदेशी संस्था ने कहा है कि हिंदुस्तान में व्यवसाय करना आसान हो गया है। लेकिन आप कहीं भी चले जाइए, किसी से भी पूछ लीजिए। जीएसटी और नोटबंदी ने व्यापार करना आसान किया है या मुश्किल ? पूरा हिंदुस्तान आपसे कहेगा कि मुश्किल कर दिया है।
सवाल ये है बिजनेस किसका आसान हुआ है ? छोटे व्यवसाइयों का उद्योग - व्यापार तो नष्ट हो गया है। राहुल गांधी का मानना है कि नोटबंदी की चोट देश में सबको लगी है, सिवाय 10-15 बड़े उद्योगपतियों के। आज यही 10-15 उद्योगपति सरकार से गुस्सा नहीं हैं। आंदोलन नहीं कर रहे हैं। शेष पूरा गुजरात गुस्से में है। आंदोलन कर रहा है।
राहुल गांधी द्वारा अहमद पटेल के चर्चित मुद्दे पर चुप्पी साध लेने पर स्थानीय कांग्रेस नेता कुछ भी कहने से बच रहे हैं। लेकिन गुजरात भाजपा ने इस मुद्दे पर राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया है। गुजरात भाजपा के प्रवक्ता डॉ. हर्षद पटेल ने कहा कि राहुल किसी मुद्दे पर बात नहीं कर रहे हैं। हिमाचल जाते हैं तो गुजरात की बात करते हैं, गुजरात आते हैं तो चीन की बात करते हैं। किसी भी महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर वह चुप्पी साध जाते हैं। चाहे आरक्षण का मसला हो, जातिवादी समीकरणों की बात हो, चाहे तुष्टीकरण का मुद्दा हो। आतंकवाद जैसी घटनाओं पर भी कांग्रेस अपना रुख बिल्कुल स्पष्ट नहीं करती है।
आतंकवाद को बढ़ावा कांग्रेस की इसी नीति के कारण मिलता रहा है। सबको मालूम है कि वह जेएनयू में राष्ट्रविरोधी तत्वों का समर्थन करने चले गए थे। इससे कांग्रेस की मंशा क्या है, ये सबको पता है।
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