नोटबंदी-जीएसटी के डबल ट्रैप का शिकार हुई अर्थव्यवस्था: राहुल गांधी
नोटबंदी को लेकर भी राहुल ने निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को यह समझना चाहिए कि सभी नगदी कालाधन नहीं तो सारा कालाधन कैश नहीं है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अर्थव्यवस्था पर सरकार की घेराबंदी जारी रखते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि जीएसटी टैक्स आतंक की सुनामी और नोटबंदी के डबल ट्रैप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को मुश्किल दौर में पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से जहां लाइसेंस राज का आतंक फिर लौट आया है वहीं सरकार लोगों को डरा रही है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार पर यह वार पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स की सालाना बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए किया। नोटबंदी और जीएसटी की जटिलताओं से अर्थव्यवस्था के ध्वस्त होने का दावा करते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री की शैली में वे इसे एमएमडी(मोदी मेड डिजास्टर )कहेंगे। जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहने की अपनी बात को जायज ठहराते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह कारोबारियों को टेक्नलॉजी आधारित आतंक राज की मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है वह इसका प्रमाण है।
कांग्रेस सत्ता में आयी तो जीएसटी में सुधार होगा वहां मौजूद उद्योगपतियों के सवाल पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस इसे सिंपल टैक्स बनाने की शुरू से पैरोकारी करती रही है। इसके लिए सरकार से कांग्रेस ने जीएसटी में टैक्स स्लैब ज्यादा नहीं रखने और कर की दर 18 फीसद कैपिंग करने की बात उठाई। हमने बहुत आग्रह किया और इसके लिए चिदंबरम समेत कई नेताओं को बातचीत के लिए भेजा मगर सरकार ने हमारे अनुरोध ठुकरा दिये। इसे पायलट बेस पर चलाकर मुश्किलों की पहचान करने के बाद देश में लागू करने का कांग्रेस का आखिरी अनुरोध भी अनुसना कर दिया गया। राहुल ने कहा कि आज हालत यह हैं कि कारोबारी परेशान हैं और अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के अलावा सरकार में किसी के पास पावर नहीं है, यहां तक की सुषमा स्वराज जैसी वरिष्ठ मंत्री के पास भी नहीं। यूपीए सरकार में भी दस जनपथ के सर्वशक्तिमान होने का सवाल जब राहुल पर दागा गया तो उन्होंने सफाई दी कि ऐसा नहीं था। साथ ही उन्होंने यह कहा कि वे कबूल करते हैं कि यूपीए दो सरकार के आखिरी दो-तीन साल में कमियां रहीं।
नोटबंदी को लेकर भी राहुल ने निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को यह समझना चाहिए कि सभी नगदी कालाधन नहीं तो सारा कालाधन कैश नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम के एक फैसले ने देश की न केवल 86 फीसदी नगदी को रद्दी बना दिया बल्कि करोड़ों लोगों को बेकार कर दिया है। खासकर लघु व मध्यम उद्योग और छोटे कारोबार करने वाले लोग बेकारी का सामना कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि इन दोनों फैसलों के बीच जीडीपी की गिरती दर, निर्यात में कमी, कृषि विकास दर में गिरावट के साथ नौकरियां बिल्कुल गायब है। हालात यह है कि एक ओर चीन जहां हर दिन 50 हजार नौकरियां पैदा कर रहा है तो भारत रोज केवल 450 नौकरियां।
आधार की हर क्षेत्र में अनिवार्यता पर चैंबर के सदस्यों की उठाई चिंता पर राहुल ने कहा कि यूपीए ने आधार को सामाजिक प्रगति के पैमाने के लिए शुरू किया था। जबकि एनडीए सरकार आधार को निगरानी का औजार बना रही है और यह घातक है।
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