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बंदूक से कश्मीर समस्या का समाधान नहीं हो सकता: जनरल बिपिन रावत

सेना प्रमुख ने कहा, कश्मीर के कुछ युवा हैं जो कट्टरता के चलते आतंकवाद के साथ हैं। वे सोचते हैं कि बंदूक के जरिये अपना लक्ष्य पा सकते हैं, लेकिन वे गलत हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Sun, 15 Apr 2018 08:34 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2018 08:34 PM (IST)
बंदूक से कश्मीर समस्या का समाधान नहीं हो सकता: जनरल बिपिन रावत
बंदूक से कश्मीर समस्या का समाधान नहीं हो सकता: जनरल बिपिन रावत

नई दिल्ली, पीटीआइ। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि कश्मीर घाटी के कट्टरपंथी युवाओं को जल्द ही एहसास हो जाएगा कि बंदूक से उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। बंदूक के जरिये न तो सेना और न ही आतंकी अपना लक्ष्य पा सकते हैं। शांति के रास्ते पर ही चलकर कश्मीर की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। कश्मीर करीब तीन दशकों से आतंकवाद के दौर से गुजर रहा है। जनरल रावत सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजीमेंट के 70 वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे।

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सेना प्रमुख ने कहा, उम्मीद है कि कश्मीर के हालात बदलेंगे। वह गलत रास्ते पर नहीं जाएगा। वहां पर कुछ युवा हैं जो कट्टरता के चलते आतंकवाद के साथ हैं। वे सोचते हैं कि बंदूक के जरिये अपना लक्ष्य पा सकते हैं। लेकिन वे गलत हैं। न ही आतंकी और न ही सेना बंदूक के जरिये अपना लक्ष्य पा सकती है। हमें शांति के रास्ते पर चलकर समस्याओं का निदान तलाशना होगा।

जनरल रावत ने कहा, कश्मीर में बहुत कम लोग आतंकवाद के साथ हैं। ज्यादातर लोग शांति से रहना चाहते हैं और वे खुद को भारतीय मानते हैं। जो लोग कहते हैं कि कश्मीर के हालात दिनों-दिन खराब हो रहे हैं, वे गलत हैं। कश्मीर के वातावरण में तनाव है लेकिन वहां की स्थिति में गिरावट नहीं आ रही। अनेकता में एकता ही कश्मीरियत की मूल भावना है। युवाओं को इसे समझना आवश्यक है।

उल्लेखनीय है कि जनरल रावत ने अपने सेवाकाल का बहुत लंबा समय जम्मू-कश्मीर में व्यतीत किया है। वह कश्मीर घाटी के हालात से बहुत अच्छी तरह से वाकिफ हैं।


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