ग्रामीण स्वच्छता के आधार पर होगी जिला व राज्यों की रैकिंग, 6980 गांवों में किया जाएगा सर्वेक्षण
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 का ऐलान स्वच्छता व पेयजल मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने शुक्रवार को किया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए पूरे देश में ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाएगा। इसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों व जिलों की रैंकिंग की जाएगी। इसके लिए कुछ निश्चित मानक निर्धारित किये गये हैं, जिसके आधार पर स्वतंत्र एजेंसी पूरे देश में स्वच्छता का आकलन करेगी। स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 का ऐलान स्वच्छता व पेयजल मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने शुक्रवार को किया।
सर्वेक्षण में सार्वजनिक स्थलों, स्वच्छता को लेकर लोगों की धारणा और साफ सफाई में जन सहभागिता को इसमें शामिल किया जाएगा। स्वच्छता व पेयजल मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य व जिलावार स्वच्छता का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया गया है। सार्वजनिक स्थलों में स्कूल, आंगनवाड़ी, हाट, बाजार, पंचायत में सफाई के साथ लोगों की धारणा को प्रमुखता दी जाएगी। एक अगस्त से 31 अगस्त के बीच होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण का नतीजा जिला व राज्यों की रैंकिंग के साथ किया जाएगा। स्वच्छता की गुणवत्ता के आधार पर होने वाली रैकिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले जिलों व राज्यों को दो अक्तूबर को पुरस्कृत किया जाएगा।
सचिव परमेश्वरन के मुताबिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 की योजना में देश के 698 ग्रामीण जिलों के 6980 गांवों को कवर किया जाएगा। राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में इन गांवों के 34,000 सार्वजनिक स्थलों को शामिल किया जाएगा। सर्वेक्षण में 54 हजार लोगों से स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े मसलों पर बातचीत की जाएगी। उनकी बातचीत को सर्वेक्षण का हिस्सा बनाया जाएगा। इन लोगों से स्वच्छता को बनाए रखने के सुझाव भी मांगे जाएंगे
सर्वेक्षण का कार्य एक निजी कंपनी से कराया जाएगा। उसके आंकड़ों के आधार पर मंत्रालय स्तर पर इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम से रैकिंग की जाएगी। स्वच्छता सर्वेक्षण की प्रक्रिया को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें 30 अंक सार्वजनिक स्थलों की साफ सफाई पर दिया जाएगा। जबकि स्वच्छता के निर्धारित मानकों पर जन सहभागिता पर 35 अंक और एमआईएस के आधार पर स्वच्छ भारत मिशन में स्वच्छता प्रगति पर 35 अंक निर्धारित किये गये हैं। सचिव परमेश्वरन ने एक सवाल के जवाब में बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 7.7 करोड़ शौचालय बनाये जा चुके हैं। जबकि 93 फीसद शौचालयों का उपयोग हो रहा है।