रबी बुवाई की रफ्तार तेज, रकबा बढ़कर 4.15 करोड़ हेक्टेयर पहुंचा
तिलहन फसलों का बुवाई रकबा 70.70 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल के 64.21 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अधिक है।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। रबी सीजन में फसलों की बुवाई पूरी रफ्तार से चल रही है। कुल बुवाई रकबा बढ़कर 4.15 करोड़ हेक्टेयर पहुंच गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 32 लाख हेक्टेयर अधिक हो गया है। प्रमुख फसल गेहूं, तिलहन और दलहन की बुवाई में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है। बुवाई रकबा देखकर सरकार उत्साहित है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि खेती पर नोट बंदी का कोई असर नहीं पड़ा है।
कृषि मंत्रालय की ओर से जारी बुवाई की साप्ताहिक रिपोर्ट के मुताबिक कुल बुवाई रकबा 4.15 करोड़ हेक्टेयर है, जो पिछले साल के 3.82 करोड़ हेक्टेयर से अधिक है। रबी की अहम फसल गेहूं का रकबा 1.73 करोड़ हेक्टेयर हो चुका है, जबकि पिछले सीजन के इसी समय यह आंकड़ा 1.52 करोड़ हेक्टेयर था। लेकिन प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में बुवाई की गति धीमी हुई है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बीज और रासायनिक खादों की उपलब्धता बढ़ाने में सहकारी संस्थाओं की भूमिका अहम रही है। तिलहन फसलों का बुवाई रकबा 70.70 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल के 64.21 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अधिक है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोतरी को देखते हुए दलहन फसलों की खेती को बल मिला है। बुवाई रकबा 1.13 करोड़ हेक्टेयर हो चुका है, जबकि पिछले साल के इसी सप्ताह तक 99 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी। चालू साल के दौरान चना ने उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ा दी थी, कीमतें सातवें आसमान को छूने लगी थी। इसी के चलते चने की खेती का रकबा पिछले साल के 68 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 77 लाख हेक्टेयर हो गया है।
तिलहन में सरसों सीजन की बड़ी फसल होती है, जिसका बुवाई रकबा पिछले साल के 54 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 62 लाख हेक्टेयर हो गया है।