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Protest against CAA: पुडुचेरी यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट रबीहा अब्दुर्रहीम ने किया मेडल लेने से इनकार

पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के जन संचार एमए स्वर्ण पदक विजेता रबीहा अब्दुर्रहीम का आरोप है कि उन्हें दीक्षांत समारोह में शामिल नहीं होने दिया गया।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 08:57 AM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 08:57 AM (IST)
Protest against CAA: पुडुचेरी यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट रबीहा अब्दुर्रहीम ने किया मेडल लेने से इनकार
Protest against CAA: पुडुचेरी यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट रबीहा अब्दुर्रहीम ने किया मेडल लेने से इनकार

 पुदुचेरी, एएनआइ। पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के जन संचार (Mass communication) में एमए स्वर्ण पदक विजेता रबीहा अब्दुर्रहीम ने नागरिकता कानून के विरोध में मेडल लेने से साफ इनकार कर दिया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें दीक्षांत समारोह (convocation) में शामिल होने की अनुमति नहीं थी, जबकि, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समारोह स्थल पर मौजूद थे। 

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पदक लेने से किया साफ इनकार

रबीहा अब्दुर्रहीम ने आगे कहा कि जब उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त करने के लिए मंच पर आने को कहा, तो मैंने इसे अस्वीकार कर दिया। मैं स्वर्ण पदक नहीं चाहती क्योंकि भारत में जो कुछ भी हो रहा है वह बदतर है। यह छात्रों और उन सभी लोगों के साथ एकजुटता में है जो एनआरसी, सीएए और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से लड़ रहे हैं।

पुलिस अधिकारी ने जाने का लिए कहा

रबीहा का कहना है कि दीक्षांत समारोह शुरू होने से पहले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें ऑडिटोरियम से जाने के लिए कहा। साथ ही समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति कोविंद के जाने के बाद ही अंदर जाने की इजाजत दी गई। बता दें कि यहां राष्ट्रपति कोविंद छात्र-छात्रों को प्रमाण पत्र देने के लिए आए थे। 

किसी ने मेरे सामने नहीं कही ये बात

रबीहा ने कहा कि मुझे नहीं पता, मुझे क्यों भेजा गया था। लेकिन, मुझे तब पता चला जब छात्रों ने पुलिस से पूछा। पुलिस ने कहा कि शायद यह इसलिए है क्योंकि वह अलग तरीके से दुपट्टा पहन रही है। यह भी कारण हो सकता है कि उन्होंने मुझे बाहर भेज दिया लेकिन किसी ने भी ये बात मेरे सामने नहीं कही। 

रबीहा ने एमए (मास कम्युनिकेशन) 2018  बैच में पहली रैंक हासिल की। दीक्षांत समारोह में शामिल ना होने की अनुमति बाद अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अपना पदक लेने से ही इनकार कर दिया। साथ ही नागरिकता अधिनियम कानून के खिलाफ भी उन्होंने अपना विरोध दर्ज करते हुए उन्होंने अपना पदक लेने ने मना कर दिया।                               


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