ब्रह्मोस मिसाइल के छोटे रूप का विकास
भारत और रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रमुख ए शिवातनु पिल्लई ने सोमवार को बताया कि साल के अंत तक मिसाइल के वायु संस्करण के परीक्षण की तैयारी की जा रही है। वह अपनी किताब 'द पाथ अनएक्सप्लोर्ड' के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
नई दिल्ली। 290 किमी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लघु संस्करण का विकास किया जा रहा है। इसकी तैनाती पनडुब्बी और छोटे लड़ाकू विमानों जैसे मिग 29 में की जाएगी।
भारत और रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रमुख ए शिवातनु पिल्लई ने सोमवार को बताया कि साल के अंत तक मिसाइल के वायु संस्करण के परीक्षण की तैयारी की जा रही है। वह अपनी किताब 'द पाथ अनएक्सप्लोर्ड' के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'ब्रह्मोस-मिनी मिसाइल को बूस्टर और इंजन के आकार को कम करके विकसित किया जाएगा, जिससे उसके वजन में कमी आएगी।' पिछले 15 सालों से ब्रह्मोस के प्रमुख पिल्लई ने कहा, 'संयुक्त उद्यम प्रस्तावित भारत-रूस पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान और छोटे जंगी जहाजों जैसे नौसेना के मिग 29-के के अनुरुप मिसाइल तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है।' उन्होंने बताया कि मिसाइल के वायु संस्करण के अनुरुप एचएएल द्वारा सुखोई-30 एमकेआइ में सुधार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्थापना 1806 करोड़ रुपये की लागत से की गई थी और आज उसके पास तीनों सेनाओं के लिए प्रणालियों की आपूर्ति के 36000 करोड़ रुपये के आर्डर हैं।