अंतरिक्ष में आदित्य के हाथ होगा चंद्रयान 2 का कंट्रोल, मंगलयान में भी थी अहम भूमिका
2013 में मंगलयान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके रायपुर के आर आदित्य मूल तौर पर दक्षिण भारत के हैं। चंद्रयान 2 के मिशन पर भी इसरो ने इन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ भेजा है।
रायपुर, नई दुनिया प्रतिनिधि। अब वह दिन दूर नहीं जब हमारे पास चांद की हर खबर होगी। चंद्रयान 2 के जरिए चांद पर मौजूद पानी और खनिज की एक-एक जानकारी और तस्वीर इसरो को भेजी जाएगी। इस कदम से इसरो ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। इस मिशन में शामिल हजारों वैज्ञानिकों में से एक रायपुर के आर.आदित्य भी हैं।
चंद्रमा की सफर पर आदित्य
अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद आदित्य का काम शुरू होगा। दरअसल, वहां वे चंद्रयान को नियंत्रित करेंगे। लॉन्चिंग के दौरान 'नई दुनिया' की टीम आदित्य के पिता के पास मौजूद थी। उस वक्त माता-पिता अपने ऑफिस में थे और बेटा चंद्रमा की सफर पर निकल रहा था। इससे पहले 2013 में मंगलयान में भी आदित्य ने अहम भूमिका निभाई थी।
2012 में ही जुड़ गया था अंतरिक्ष से नाता
आर. आदित्य का जन्म रायपुर में ही हुआ। पिता आर. मुरली लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर हैं और मां रामलक्ष्मी एलआईसी में अफसर हैं। ये दक्षिण भारत से संबंध रखते हैं और तेलुगू भाषी हैं। साल 2012 में आदित्य का आईआईटी जेईई के जरिए भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिवेन्द्रम में चयन हुआ। तब से वे वहीं सेवा दे रहे हैं।
पिता से मांगी थी दुआएं
आदित्य के पिता आर. मुरली ने बताया कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। आदित्य से उनकी बात रविवार रात को हुई थी तभी आदित्य ने बताया, ‘पापा, कल बहुत बड़ा दिन है। इसकी सफलता के लिए आपसब प्रार्थना करें। हमारी तैयारी पूरी है, अब कोई तकनीकी कारण आड़े नहीं आ सकता। हम सब पूरे जोश और विश्वास के साथ जुटे हैं। देश की नजर इसरो पर है, हम जरूर कामयाब होंगे।'