NRI को प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार देने पर उठे सवाल, कहा-धांधली को मिलेगा बढ़ावा
प्रवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार देने पर शुरुआत में ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार देने पर शुरुआत में ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं। विदेश मामले से जुड़ी संसदीय समिति के समक्ष सरकार के अधिकारियों ने पूरा ब्योरा पेश किया तो इसके अध्यक्ष व कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कड़ी आपत्ति जताई।
वोटिंग में धांधली को बढ़ावा मिलने की आशंका
विदेश मंत्रालय में (आर्थिक संबंधों) सचिव विजय केशव गोखले ने समिति को इस प्रस्ताव की पूरी जानकारी दी। थरूर समेत सभी सदस्यों ने ध्यान से उनकी प्रस्तुति सुनी, लेकिन तत्काल दी गई अपनी प्रतिक्रिया में इसे सिरे से खारिज कर दिया। थरूर का कहना था कि इससे चुनाव में धांधली को बढ़ावा मिलेगा। मोदी कैबिनेट ने अगस्त 2017 में प्रस्ताव पास करके प्रवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार देने का फैसला किया था। हालांकि चुनाव आयोग की विशेष टीम ने इसका मसौदा तैयार करके 2015 में ही कानून मंत्रालय के पास भेज दिया था। संसदीय समिति को पूरे मामले से मंगलवार को अवगत कराया गया।
केवल सैन्य बलों के जवानों के पास है वोटिंग का प्रॉक्सी अधिकार
अगर यह प्रस्ताव कानून बन जाता है तो विदेश में रह रहे भारतीयों को वोटिंग का प्रॉक्सी अधिकार मिल जाएगा। अभी तक यह केवल सैन्य बलों के जवानों को ही मिलता है। समिति ने सरकार को सुझाव दिया कि प्रवासियों के मामले में चुनाव आयोग को ऑन लाइन वोटिंग के लिए एक तंत्र स्थापित करना होगा। विदेशों में मौजूद प्रक्रिया से सबक लिया जा सकता है। इसके तहत सारे विश्व में फैले दूतावासों में मतदान केंद्र बनाकर प्रवासियों को वोटिंग की सुविधा दी जाती है। इसमें धांधली की आशंका न के बराबर रह जाती है। अभी तक प्रवासियों को अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान का अधिकार मिल रहा है।