दक्षिण एशिया में शिक्षा की गुणवत्ता बेहद खराब
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों के बच्चों की शिक्षा की निराशाजनक तस्वीर पेश की गई है। इसमें कहा गया कि जो पढ़ाया जा रहा है, वह प्रक्रियात्मक या रटने पर आधारित है।
नई दिल्ली। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों के बच्चों की शिक्षा की निराशाजनक तस्वीर पेश की गई है। इसमें कहा गया कि जो पढ़ाया जा रहा है, वह प्रक्रियात्मक या रटने पर आधारित है।
दक्षिण एशियाई शिक्षा पद्धति के प्रदर्शन पर पहले विस्तृत विश्लेषण में बताया गया है कि कई दक्षिण एशियाई शिक्षकों को उनके छात्रों से बहुत ज्यादा ज्ञान नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'छात्र प्रैक्टिकल योग्यताओं जैसे नाप-जोख, समस्या के निपटारे और व्याकरण के सही वाक्य लिखने में बहुत कमजोर हैं।' प्राइमरी स्कूलों से पढ़कर निकलने वालों में एक चौथाई से एक तिहाई बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें बुनियादी संख्यात्मक या साक्षरता कौशल के ज्ञान की कमी है, जो उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढ़ाएगा।
शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ रिपोर्ट ने भारत और पाकिस्तान में किए गए सर्वे के हवाले से बताया कि जो पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए शिक्षक नियुक्त हैं, उनके गणित व भाषा संबंधित टेस्ट में ही उन्होंने बहुत घटिया प्रदर्शन किया। सुझाव दिया गया है कि उच्च व स्पष्ट मानक लागू होने के अलावा गैरहाजिरी रोकने व गैर-योग्यता आधारित प्रोन्नति खत्म करने जैसे कदम उठाने जरूरी हैं।