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पुष्कर मेले का हुआ शुभारंभ, जानें क्या-क्या हुआ पहले दिन

पुष्कर पशु मेले का सुबह सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ रंगारंग शुभारम्भ हुआ। चुनाव आचार संहिता के चलते मेले के शुभारंभ के अवसर पर कोई राजनीतिक हलचल नहीं रही।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 09:56 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 11:24 AM (IST)
पुष्कर मेले का हुआ शुभारंभ, जानें क्या-क्या हुआ पहले दिन
पुष्कर मेले का हुआ शुभारंभ, जानें क्या-क्या हुआ पहले दिन

अजमेर,जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले के तहत हर साल आयोजित होने वाला दीपदान उत्सव शुक्रवार एक अनूठी पहल में बदल गया। पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर दीप जगमगाए। हजारों श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार के बीच पूजा अर्चना के साथ तीर्थराज पुष्कर सरोवर पर हजारों दीपों के साथ आध्यात्मिक मेले का भी आगाज किया। सरोवर के 52 घाटों पर हजारों दीपों की झिलमिलाती रोशनी में आध्यात्मिक छटा ने सभी का मन मोह लिया।

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इससे पूर्व विश्व प्रसिद्ध श्री पुष्कर पशु मेले का सुबह सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ रंगारंग शुभारम्भ हुआ। चुनाव आचार संहिता के चलते मेले के शुभारंभ के अवसर पर कोई राजनीतिक हलचल नहीं रही। मेले का शुभारंभ प्रशासनिक तौर पर मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक बीजू जॉर्ज जोसफ ने मेला मैदान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर किया। इस मौके पर जिला कलक्टर आरती डोगरा भी उपस्थित थी।

पंडित कैलाश नाथ ने मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत पूजा अर्चना करवाई। इसके बाद ध्वज पूजन कर ध्वज फहराया गया। इस अवसर पर जिला कलक्टर ने बताया कि प्रख्यात पुष्कर मेले के लिए सुरक्षा व शांति व्यवस्था के माकूल बंदोबस्त किए गए हैं। यहां आने वाले पशुपालकों, पशुओं, श्रद्धालुओं, देसी विदेशी पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए पुष्कर सरोवर के घाटों, मंदिरों मेला स्थल, बाजारों में यातायात, सुरक्षा समेत अन्य पुख्ता इंतजाम किए हैं। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि तीर्थराज पुष्कर में आने वाले पशुपालक, देसी.विदेशी पर्यटक यहां पर आध्यत्मिक सुख के साथ मेले की सुखद अनुभव को लेकर वापस लौटेंगे।

मेले में ध्वजारोहण के पश्चात अन्तर्राष्ट्रीय नगाड़ा वादक नाथूलाल सोलंकी के दल ने राजस्थानी लोक धुनों के साथ सुरीला नगाड़ा वादन किया। समारोह में परम्परागत राजस्थानी वेशभूषा से सजी लगभग 250 बालिकाओं ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया। मेले के दौरान व्यवस्थाओं को सुचारू तरीके से संचालित करने के लिए मेला मैदान के पास ही प्रशासन एवं पुलिस के कैम्प स्थापित किए गए हैं।

इन घाटों पर हुआ दीपदान

दीपदान के तहत गऊ घाट, शहीद घाट, क्यून मेरी, चीर घाट, नगर घाट, जगननाथ घाट, राम घाट, मुक्ति घाट समेत अन्य घाटों पर दीप प्रज्वलित किया गया।

मैत्री फुटबाल मैच
इस मौके पर स्थानीय लोगों एवं विदेशी पर्यटकों के बीच मैत्री फुटबॉल मैच का आयोजन किया गया। फुटबॉल मैच में स्थानीय लोगों एवं विदेशी पर्यटकों के फुटबॉल मैच का देसी-विदेशी पर्यटकों ने जमकर आनंद लिया।

मेले में पहुंचे साढ़े छह हजार मवेशी
पुष्कर पशु मेले में पशुओं की मंडी सजकर तैयार है। मंडी में पशु पालक पशुओं की खरीद-बेच कर रहे हैं। अबतक विभिन्न प्रजातियों के 6 हजार 500 से ज्यादा पशु मेले में पहुंच चुके हैं। अनमें सर्वाधिक पौने चार हजार ऊंट वंश, 2 हजार 5 सौ से ज्यादाअश्व वंश शामिल हैं। मेले में गाय, भैंस व बकरी वंश के अतिरिक्त एक गधा भी बिकने आया है।


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